आज उत्तराखंड की राजनीति के लिए एक बुरी खबर देखने को मिली है। uttarakhand कांग्रेस की कद्दावर नेता और वर्तमान समय में उत्तराखंड विधानसभा मैं नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का निधन हो गया है।इंदिरा ह्रदयेश के निधन के बाद uttarakhand राजनीति में और राजनेताओं के बीच शोक की लहर दौड़ उठी है।
हृदय गति रुकने से हुआ निधन।
आपको बता दें कि इंदिरा ह्रदयेश कांग्रेस की बैठक में शामिल होने के लिए शनिवार को दिल्ली पहुंची थी और वही उत्तराखंड सदन में ठहरी हुई थी। रविवार सुबह उनकी अचानक हृदय गति रुकने से उनकी मृत्यु हो गई।इंदिरा हृदयेश के पार्थिव शरीर को अब हल्द्वानी लाया जा रहा है।
आपको बता दें कि इंदिरा हरदेश का एक लंबा राजनीतिक जीवन रहा है। उत्तर प्रदेश की राजनीति से लेकर उत्तराखंड की राजनीति तक वह कांग्रेस का बड़ा चेहरा नहीं है। अलग-अलग सरकारों में उन्होंने कई मंत्रालयों की जिम्मेदारियां भी संभाली है।वह प्रदेश कांग्रेस की काफी तेज तर्रार नेता मानी जाती थी और यही कारण था कि 80 साल की उम्र में भी इंदिरा हृदयेश सदन में नेता प्रतिपक्ष थी। समय-समय पर वह विपक्षियों से लेकर अपनी पार्टी के नेताओं को भी आईना दिखाती रहती थी। हाल ही में इंदिरा ह्रदयेश ने कोरोनावायरस को मात दी थी लेकिन अफसोस की बात यह रही कि वह कोरोना को हराने के बाद खुद जिंदगी की जंग हार गई।
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इंदिरा हृदयेश का जन्म 7 अप्रैल 1941 को हुआ था। 2012 से 2017 तक वह उत्तराखंड की वित्त मंत्री रही। वही इंदिरा हरदेश ने पहली बार 1974 में उत्तर प्रदेश लेजिसलेटिव काउंसिल का चुनाव लड़ कर सत्ता की शिखर तक पहुंचने के लिए अपनी पहली सीढ़ी को पार किया था।
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