देहरादून के जीएमएस रोड स्थित अलकनंदा एन्क्लेव में ओएनजीसी से सेवानिवृत्त इंजीनियर अशोक गर्ग की हत्या के मामले ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। घटना के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस हत्या के पीछे के कारणों का पता नहीं लगा पाई है। हालांकि, सीसीटीवी फुटेज में दो संदिग्ध व्यक्ति दिखाई दिए हैं, जो घर में प्रवेश करते और पीछे के रास्ते से भागते नजर आ रहे हैं। पुलिस इन्हीं पर हत्या का संदेह जता रही है और उनकी तलाश तेज कर दी गई है।
संदिग्ध सीसीटीवी फुटेज में कैद, पुलिस ने तेज की जांच
पुलिस ने घटना स्थल और आसपास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले हैं। फुटेज में शाम करीब 7:30 बजे दो व्यक्ति कॉलोनी के मुख्य मार्ग से घर की ओर आते हुए दिखे। थोड़ी देर बाद दोनों पीछे के रास्ते से भागते नजर आए। पुलिस का मानना है कि इन्हीं व्यक्तियों ने हत्या को अंजाम दिया हो सकता है। पुलिस ने इलाके के सभी संभावित सीसीटीवी कैमरों को चेक करने के साथ मोबाइल सर्विलांस के जरिए संदिग्धों को ट्रैक करने का प्रयास शुरू कर दिया है।
मृतक की बेटियां और परिवार के अन्य सदस्य पहुंचे देहरादून
घटना के बाद मृतक की चेन्नई में रहने वाली बेटी तनवी और गुरुग्राम में रहने वाली बेटी मानवी तुरंत देहरादून पहुंचीं। साथ ही उनके छोटे भाई आदेश कुमार गर्ग, जो देवबंद में व्यवसायी हैं, ने पुलिस में अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। आदेश कुमार ने बताया कि उन्हें उनकी भतीजी से फोन पर हत्या की जानकारी मिली थी।
पुताई कर्मियों और कुरियर डिलीवरी करने वाले से पूछताछ
पुलिस ने घटना के दिन घर पर काम कर रहे पुताई कर्मियों और एक कुरियर डिलीवरी करने वाले व्यक्ति से भी पूछताछ की। इसके साथ ही मृतक के पड़ोसियों और रिश्तेदारों से भी गहन पूछताछ की गई। बावजूद इसके हत्या का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है।
चोरी नहीं, हत्या के पीछे कुछ और वजह?
घटना के दौरान घर के अंदर महंगी घड़ियां और अन्य कीमती सामान सुरक्षित पाया गया। इससे पुलिस को संदेह है कि हत्या का मकसद केवल चोरी नहीं हो सकता। घर में एक बंद अलमारी भी है, जिसकी चाबी किसी को नहीं मिली। माना जा रहा है कि अलमारी में नकदी, ज्वेलरी या महत्वपूर्ण दस्तावेज हो सकते हैं।
पड़ोसियों से कम संपर्क, शांत स्वभाव के थे अशोक गर्ग
पुलिस की जांच में पता चला है कि अशोक गर्ग अधिकतर समय अपनी बेटियों के पास चेन्नई और गुरुग्राम में बिताते थे। देहरादून में वह कम समय के लिए ही आते थे, इसलिए पड़ोसियों के साथ उनका संपर्क सीमित था। उनका व्यवहार सौम्य था, और किसी के साथ कोई विवाद होने की बात सामने नहीं आई है।
हत्या के पीछे की संभावनाएं
- चोरी के दौरान हत्या: पुलिस को आशंका है कि कोई व्यक्ति चोरी की नीयत से घर में घुसा होगा, और अशोक गर्ग के जागने पर संघर्ष के दौरान हत्या कर दी।
- किरायेदार की आड़ में साजिश: मृतक ने घर के बाहर किरायेदार की तलाश का बोर्ड लगाया हुआ था। हो सकता है कि इसी बहाने कोई व्यक्ति घर में घुसा और लालच में आकर हत्या को अंजाम दिया।
- अन्य कारणों की संभावना: पुलिस ने संभावना जताई है कि संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद कुछ और चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं।
पुलिस के लिए चुनौती बनी हत्या की गुत्थी
अशोक गर्ग की हत्या की गुत्थी सुलझाना पुलिस के लिए चुनौती बन गई है। सभी सबूत और पूछताछ के बावजूद पुलिस अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। संदिग्धों की पहचान और उनके पकड़े जाने के बाद ही इस हत्या के पीछे का सच सामने आने की उम्मीद है।