उत्तराखंड में मानसून की शुरुआत हो गई है जिसके चलते सरकार की मुश्किलें बढ़ने वाली है। हर वर्ष मानसून शुरू होते ही यहाँ मानो आपदाओं का दौर चल पड़ा हो जिसके कारण सड़कों का टूटना, मलबा आना स्वाभाविक है और इस सब के बाद राहत बचाव कार्य चलते हुए भी कई लोग अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं। इस वर्ष मानसून को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को आपदा प्रबंधन के अधिकारियों के साथ बैठक कर अधिकारियों को अभी से ही सारी व्यस्थाओं को देखने के लिए कहा है साथ ही आपदा से हर समय निपटने के लिए के लिए कहा है।
मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को राहत और बचाव कार्य को एक दूसरे के भरोसे न छोड़ने के निर्देश दिए हैं और हो सके तो तालमेल के साथ कार्य करने को कहा है। मुख्यमंत्री धामी द्वारा सभी अधिकारियों की छुट्टी 3माह तक रद्द कर दी गई है ताकि राहत और बचाव कार्य में कोई बाधा न उत्पन्न हो।CM धामी द्वारा राहत बचाव का रिस्पॉन्स टाइमिंग कम करने की बात की गई है ताकि कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद करी जाये और ज्यादा से ज्यादा बजट का उपयोग कर पीड़ित लोगों को समय पर मुआवजा राशि दी जाए।
सड़क बंद होने, बिजली और पानी आदि की आपूर्ति न होने पर तुरंत उसी समय व्यवस्थाओं को बहाल करने, बंद सड़कों को खोलने के लिए ज्यादा से ज्यादा जेसीबी इस्तेमाल करने के भी निर्देश दिए गए हैं।पहाड़ी क्षेत्रों में राहत बचाव के लिए खाने की सामग्री, दवाई, जरूरी सामान आदि समय से पहले पहुँचाने के निर्देश दिए गए हैं।CM धामी ने सैटेलाइट फ़ोन चालू रखने की बात पर भी जोर दिया है और जिलाधिकारीयों को अपने हिसाब से कार्य करने को कहा है और शासन तक केवल उन्हीं समस्याओं को भेजनें की बात कही है जिनका हल जिला स्तर पर न निकल रहा हो।
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CM धामी द्वारा आपदा के साथ साथ कावड़ यात्रा और चारधाम यात्रा पर बहुत ध्यान दिया गया है। उनका कहना है की चारधाम यात्रा व्यवस्थित ढंग से चले इस बात का ध्यान रखना है और साथ ही कावड़ यात्रा के लिए हरिद्वार,टिहरी, पौड़ी और देहरादून के जिलाधिकारियों को सर्वम्मति के साथ कार्य करना है। आपदा में वाहन दुर्घटना में मरने वालों को दिया जानें वाला मुआवजा राशि बढ़ाने की बात भी मुख्यमंत्री धामी द्वारा बोली गई है।