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केंद्र सरकार के बजट में आपदा प्रबंधन के रूप में सबसे बड़ी राहत नजर आ रही है। जोशीमठ में भूधंसाव के चलते प्रभावितों के पुनर्वास और आपदा प्रबंधन के अन्य कार्यों के लिए विशेष प्रविधान किया गया है। राज्य सरकार ने इसके लिए 1,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था, जो अब केंद्रीय बजट से प्राप्त किया जाएगा। करों के हस्तांतरण और ब्याज मुक्त ऋण की व्यवस्था केंद्रीय बजट में करों के हस्तांतरण (डिवोल्यूशन ऑफ टैक्स) में 13,900 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है, जिसमें से उत्तराखंड को 900 करोड़ रुपये से अधिक मिल सकेंगे। इसके अलावा, राज्यों के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये के ब्याज मुक्त ऋण के दरवाजे भी खोले गए हैं, जिससे उत्तराखंड को कम से कम 1,750 करोड़ रुपये का ऋण प्राप्त हो सकेगा। केंद्र पोषित योजनाओं में राज्य की भागीदारीउत्तराखंड में 17 से अधिक केंद्र पोषित योजनाएं हैं, जिनमें 90:10 या 80:20 के अनुपात में केंद्रीय अनुदान मिलता है। इन योजनाओं के माध्यम से राज्य के वित्तीय भार को सहारा मिलेगा और विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए धनराशि मिल सकेगी। अधिकारी की कार्यकुशलता पर निर्भरताकेंद्र सरकार के खजाने से अधिकतम लाभ उठाने के लिए राज्य के अधिकारियों की कार्यकुशलता और प्रबंधन महत्वपूर्ण होंगे। सचिव वित्त दिलीप जावलकर ने कहा कि अगले पांच साल तक प्रदेश सरकार को केंद्रीय बजट के अनुरूप पर्याप्त धनराशि प्राप्त हो सकती है और इसके लिए तैयारी भी शुरू हो चुकी है।

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विशेष योजनाओं में बजट की कमी नहींआगामी पांच सालों में कृषि, प्रधानमंत्री आवास, प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान, औद्योगिक पार्कों की प्लग एंड प्ले योजना, शहरों के विकास की ब्राउन फील्ड योजना, बिजली बिल में कमी लाने की सूर्य घर योजना, शहरी और ग्रामीण भूमि सुधार योजना, पीएमजीएसवाई में बारहमासी सड़कों का विकास आदि योजनाओं में बजट की कोई कमी नहीं होगी।

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