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बड़ी खबर लोकसभा चुनाव में अब बूथों पर लेंस उपलब्ध कराए जाएंगे। जिससे यदि किसी की नजर कमजोर है या नजर का चश्मा भूल जाता है तो उसे पीठासीन अधिकारी या मतदान कर्मी से ईवीएम पर साफ न दिखने की शिकायत करनी होगी। जिसके बाद लेंस उपलब्ध कराया जाएगा। ताकि वह ईवीएम पर चुनाव चिन्ह की पहचान कर अपने हिसाब से बटन दबाकर प्रत्याशी का चयन कर सके।


जिस प्रकार से बदलते परिवेश में जीवनशैली में बदलाव आया तो सेहत पर भी असर पड़ा है। अब तो कम उम्र में ही नजर कमजोर होने लगी है। नैनीताल-ऊधम सिंह नगर लोकसभा क्षेत्र में 2474 बूथ बनाए गए हैं। इनमें से ऊधम सिंह नगर में 1464 और नैनीताल में 1010 बूथ हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में कुल 2016768 मतदाता है। इनमें 85 से अधिक उम्र वाले 11673 मतदाता हैं।


सामान्यत: देखा जाता है कि 50 साल या इससे अधिक उम्र वालों को नजर वाले चश्मे की जरूरत पड़ रही है। यह देखा जाता है कि गरीब लोगों को यदि दूर की चीजें दिखाई देती हैं और नजदीक की चीजें नहीं दिखाई देती है तो वह बिना चश्मे से भी काम चला लेते हैं।

बता दें की जरुरत पड़ने पर इसकी दिक्कत महसूस होती है। जब मतदान करने जाते हैं तो उन्हें ईवीएम मशीन पर पार्टी के नाम व सिंबल साफ नजर नहीं आते हैं। ऐसे में जिस प्रत्याशी को मतदान करना चाहते हैं, उनके बजाय दूसरे प्रत्याशी को वोट कर बैठते हैं। साफ न दिखने से कई लोग नोटा दबा देते हैं। जिससे वोट बेकार हो जाते हैं।


किसी से मतदान किया, उन्हें इसकी सही जानकारी नहीं हो पाती है और गलतफहमी में बने रहते हैं। ऐसी समस्या खासकर 60 साल या इससे अधिक उम्र के मतदाताओं के सामने आती है। कई ऐसे मतदाता होते हैं, जो मतदान करने बूथों पर पहुचंते हैं तो उन्हें पता चलता है कि वह घर पर ही नजर वाला चश्मा भूल गए।

ईवीएम की बोर्ड पर राजनीतिक दलों के नाम, निर्दल व चुनाव चिन्ह बने होते हैं। सामान्यत: यह देखा जाता है कि जिन्हें ईवीएम पर साफ नहीं दिखता है या जागरूकता की कमी की वजह से वह ईवीएम पर ऊपर से तीन चार नंबर के बीच बने चुनाव चिन्हों में किसी का बटन दबा देते हैं।


ज्यादातर मतदाता चुनाव चिन्ह देख कर ही मतदान करते हैं, क्योंकि उन्हें प्रचार के दौरान चुनाव चिन्ह बताए व दिखाए जाते हैं। यह भी माना जा रहा है कि लेंस के प्रयोग होने से नोटा दबाने वालों की संख्या कम हो सकती है।


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