हरीश रावत ने कहा है कि हर स्तर पर हमारा स्थान भाजपा ने ले लिया है।यह राष्ट्रीय स्तर या प्रांतीय स्तर की बात नहीं है यहां तक कि गांव स्तर पर स्थानीय स्तर पर भी उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हमारी जगह ले ली है जब तक हम उन्हें वहां से नहीं हटाएंगे तब तक हम कैसे अपने इलाके के नेता बन पाएंगे?
कांग्रेस के दिग्गज नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपनी ही पार्टी को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा है कि हर स्तर पर हमारा स्थान भाजपा ने ले लिया है।
यह राष्ट्रीय स्तर या प्रांतीय स्तर की बात नहीं है, यहां तक कि गांव स्तर पर, स्थानीय स्तर पर भी उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हमारी जगह ले ली है, जब तक हम उन्हें वहां से नहीं हटाएंगे, तब तक हम कैसे अपने इलाके के नेता बन पाएंगे?
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पुराने सहयोगियों को खरी-खरी सुनाई
वहीं कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले पुराने साथियों पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने फिर से भड़ास निकाली है। उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर बिना नाम लिए अपने पुराने सहयोगियों को खरी-खरी सुनाई।
गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट साझा की। उन्होंने लिखा कि बिन कहे रहा न जाए, मीडिया कुरेद-कुरेद कर पूछ रहा है कि आपके कई करीबी हैं जिनको सारी नियामतें उनके गले में हार बनाकर डाल दी, वह भी क्यों साथ छोड़ रहे हैं?
हरीश रावत ने बताया नेताओं के पार्टी छोड़ने का कारण
हरीश रावत ने लिखा कि सवालों के जवाब पर मैंने कहा हर किसी के नाराजगी के कुछ न कुछ कारण होते हैं। कुछ लोग इसलिए नाराज हैं, वह मेरे कार्यकाल में एक एसडीएम को एडीएम बनाने की सुपारी ले चुके थे।
एक पूजनीय इसलिए नाराज हैं, स्वर्गाश्रम ऋषिकेश की कुछ संपत्तियों को मैंने उनके संगठन के नाम पर करने से इनकार कर दिया, एकाध-दो सज्जन ऐसे भी हैं कि उनको देते-देते अंत में जब मेरे पास भी देने के लिए कुछ नहीं रह गया तो वह बड़े दाताओं के पास पहुंच गए हैं। देखते हैं वहां क्या मिलता है? हमारी शुभकामनाएं हैं यहां से कुछ ज्यादा उनको मिले और जहां गए हैं वहां वफादार रहें।