राजनीतिक सफर से मुख्यमंत्री पद तक की यात्रा दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की वरिष्ठ नेता रेखा गुप्ता को दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया है। वे शालीमार बाग विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुनी गई थीं और अब मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रही हैं। रेखा गुप्ता की इस उपलब्धि को दिल्ली की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है।


रेखा गुप्ता का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

रेखा गुप्ता का जन्म 19 जुलाई 1974 को हरियाणा के जुलाना में हुआ था। उनके पिता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में कार्यरत थे, जिसके कारण उनका परिवार दिल्ली स्थानांतरित हुआ।

शिक्षा के क्षेत्र में भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से वाणिज्य में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और आगे चलकर प्रबंधन एवं कला में परास्नातक (मास्टर डिग्री) की।


राजनीतिक सफर की शुरुआत

रेखा गुप्ता ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत वर्ष 1993 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से की। इसके बाद वे वर्ष 1996-97 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की अध्यक्ष बनीं। यह उनके लिए एक बड़ा राजनीतिक अनुभव साबित हुआ।

स्थानीय राजनीति से आगे बढ़ते कदम

  • वर्ष 2007 और 2012 में वे उत्तरी पीतमपुरा (वार्ड 54) से निगम पार्षद चुनी गईं।
  • वर्ष 2022 में दिल्ली नगर निगम के मेयर पद के लिए बीजेपी की उम्मीदवार बनीं।
  • वर्ष 2025 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में शालीमार बाग से जीत हासिल की और आम आदमी पार्टी (AAP) की उम्मीदवार बंदना कुमारी को हराया।

रेखा गुप्ता के विजन और विकास कार्य

रेखा गुप्ता ने हमेशा जनता के हितों को प्राथमिकता दी है। उनके प्रमुख कार्यों में शामिल हैं:

  1. महिला सशक्तिकरण: महिलाओं के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर, सुरक्षा उपायों और आर्थिक सहायता योजनाओं की शुरुआत।
  2. शिक्षा सुधार: सरकारी स्कूलों और पुस्तकालयों की स्थिति सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए।
  3. सामुदायिक विकास: अपने क्षेत्र में स्विमिंग पूल, जिम, पुस्तकालय और सामुदायिक हॉल जैसी सुविधाएं विकसित कीं।
  4. सामाजिक जागरूकता: महिला भ्रूण हत्या और बाल श्रम के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाए।

रेखा गुप्ता और भाजपा का मजबूत गठजोड़

रेखा गुप्ता वैश्य समुदाय से आती हैं, जिसे दिल्ली में बीजेपी का कोर वोट बैंक माना जाता है। उनकी लोकप्रियता और राजनीतिक अनुभव ने उन्हें मुख्यमंत्री पद तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने अपनी जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों और बीजेपी के संगठनात्मक ढांचे को दिया है।


भविष्य की उम्मीदें और चुनौतियाँ

रेखा गुप्ता के मुख्यमंत्री बनने के साथ ही दिल्ली की जनता को उनसे विकास, पारदर्शिता और सुशासन की उम्मीदें हैं। दिल्ली में स्वास्थ्य, शिक्षा, महिलाओं की सुरक्षा और आधारभूत ढांचे के विकास को लेकर उनकी रणनीतियाँ क्या होंगी, इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।

उनके सामने कई चुनौतियाँ भी हैं, जिनमें दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच समन्वय, यातायात समस्या, प्रदूषण और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार प्रमुख मुद्दे होंगे।


निष्कर्ष

रेखा गुप्ता की राजनीतिक यात्रा छात्र राजनीति से मुख्यमंत्री पद तक का एक प्रेरणादायक उदाहरण है। उनकी नेतृत्व क्षमता, दूरदर्शिता और जनसेवा की भावना ने उन्हें दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री के रूप में स्थापित किया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अपने कार्यकाल में दिल्ली को किस दिशा में ले जाती हैं और जनता की अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरती हैं।

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