उत्तराखंड के जाने-माने नेता और वन विकास निगम के अध्यक्ष कैलाश गहतोड़ी का निधन हो गया है, जिसने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे उत्तराखंड राज्य को शोक में डूबा दिया है। कैलाश गहतोड़ी, जो कि एक लम्बे समय से कैंसर से लड़ रहे थे, का आज शुक्रवार सुबह उनके देहरादून स्थित आवास पर निधन हो गया।
कैलाश गहतोड़ी मूल रूप से चंपावत के रहने वाले थे और उन्होंने अपने जीवन के कई वर्ष काशीपुर में भी बिताए। उन्होंने अपने जीवन के दौरान कई महत्वपूर्ण और सराहनीय काम किए, जिनमें से वन विकास और पर्यावरण संरक्षण प्रमुख थे। उनकी अध्यक्षता में उत्तराखंड वन विकास निगम ने कई नई ऊँचाइयाँ छुईं।
कैलाश गहतोड़ी की अंतिम यात्रा में उनके आवास से लेकर कुंडेश्वरी रोड स्थित साई मंदिर के पास उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी सहित कई भाजपा नेताओं ने शिरकत की। भारी भीड़ उमड़ी, और लोगों ने गहतोड़ी जी के अंतिम दर्शन के लिए तांता लगाया।
कैलाश गहतोड़ी का निधन उत्तराखंड राजनीति में एक बड़े शून्य को जन्म देता है। उनके नेतृत्व में कई सामाजिक और पर्यावरणीय पहलुओं में सुधार हुआ। उनके निधन पर विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
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कैलाश गहतोड़ी अपने पीछे अपनी पत्नी और दो बेटों को छोड़ गए हैं, जिनमें से बड़े बेटे शशांक गहतोड़ी ने उन्हें मुखाग्नि दी। उनका परिवार और निकटतम संबंधी इस दुखद समय में अत्यंत शोक में हैं।