मतदान केंद्रों पर उमड़ी भीड़
केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया है। सुबह से ही मतदाता बड़ी संख्या में अपने घरों से निकलकर मतदान केंद्रों पर पहुंच रहे हैं। लोग लाइनों में लगकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। इस उपचुनाव में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है।
173 मतदान केंद्र और 75% पर सीसीटीवी निगरानी
चुनाव आयोग ने इस बार के उपचुनाव में 173 पोलिंग बूथ बनाए हैं, जिनमें से 130 बूथों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा, 205 चुनाव ड्यूटी वाहनों पर जीपीएस ट्रैकिंग की व्यवस्था की गई है। निगरानी के लिए मुख्य निर्वाचन कार्यालय और जिला कार्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं।
मतदाताओं का आंकड़ा और विशेष प्रबंध
इस सीट पर 90,875 मतदाता हैं, जिनमें 44,919 पुरुष, 45,956 महिलाएं, 1,092 दिव्यांग, और 641 मतदाता 85 वर्ष से अधिक उम्र के हैं। पहली बार मतदान करने वाले युवा मतदाताओं की संख्या 2,441 है। संवेदनशील मतदान केंद्रों की संख्या 10 है, और क्षेत्र को 2 जोनल और 27 सेक्टर मजिस्ट्रेट में बांटा गया है।
कांग्रेस और बीजेपी में कड़ा मुकाबला
इस बार के उपचुनाव में कांग्रेस के मनोज रावत और बीजेपी की आशा नौटियाल के बीच सीधी टक्कर है। यह सीट बीजेपी विधायक शैला रानी रावत के निधन के कारण खाली हुई थी। दोनों दलों के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बन चुका है।
महिला पिंक बूथ और अनूठी पहल
जिला निर्वाचन अधिकारी ने महिला पिंक बूथों का निरीक्षण किया, जहां मतदान के विशेष प्रबंध किए गए हैं। सखी बूथ और यूनिक बूथ जैसी नई पहलों ने मतदाताओं का ध्यान आकर्षित किया है। बालिका इंटर कॉलेज अगस्त्यमुनि में पारंपरिक परिधान पहने छात्राओं ने मतदाताओं का स्वागत किया।
ठंड के बावजूद उत्साह
कड़ाके की सर्दी में भी सुबह आठ बजे से मतदाता मतदान केंद्रों पर पहुंच रहे हैं। गर्म कपड़े और मफलर पहने लोगों ने अपने मतदान अधिकार का उपयोग किया। जैसे-जैसे धूप निकली, केंद्रों पर मतदाताओं की भीड़ बढ़ने लगी, जिससे मतदान प्रतिशत भी तेजी से बढ़ा।
अब तक की मतदान प्रगति
सुबह 9 बजे तक मतदान प्रतिशत 4.30% दर्ज किया गया। दिन चढ़ने के साथ ही मतदान में और तेजी आने की संभावना है। चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
क्षेत्र में विशेष व्यवस्थाएं
महिला और दिव्यांग मतदाताओं के लिए अलग व्यवस्थाएं की गई हैं। बुजुर्गों और दिव्यांगों को मतदान केंद्र तक पहुंचाने के लिए विशेष सहायक सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
क्यों है ये उपचुनाव खास?
केदारनाथ उपचुनाव बीजेपी के लिए अपनी साख बचाने और कांग्रेस के लिए वापसी का महत्वपूर्ण मौका है। दोनों दलों ने इस चुनाव को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।
निष्कर्ष:
कड़ाके की ठंड के बावजूद केदारनाथ के मतदाता लोकतंत्र के इस पर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। अब सभी की नजर 23 नवंबर की मतगणना पर है, जो तय करेगी कि यह सीट किसके खाते में जाएगी।
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