मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शीतलहर के प्रभाव को कम करने और जनता को राहत पहुंचाने के लिए अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों, जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया कि वे रेन बसेरों की व्यवस्थाओं का नियमित निरीक्षण करें और जरूरतमंदों को कंबल, दस्ताने, मोजे और अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराएं।
मुख्यमंत्री सचिवालय में आयोजित बैठक में उन्होंने शीतलहर से बचाव के लिए चल रहे कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जिन स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की गई है, उसकी जानकारी स्थानीय लोगों तक पहुंचाई जाए। साथ ही, जिन क्षेत्रों में भारी बर्फबारी होती है, वहां सड़कों से बर्फ हटाने और मार्गों को जल्द से जल्द खोलने के लिए सभी जरूरी संसाधनों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए निर्देश दिया कि जिलाधिकारी अपने जिलों में गर्भवती महिलाओं का संपूर्ण डाटा तैयार रखें। किसी भी आपात स्थिति में उन्हें समय पर चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने निराश्रित पशुओं के लिए भी विशेष प्रबंध करने के निर्देश दिए।
सड़क निर्माण कार्यों में तेजी लाने पर जोर
मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे सड़क निर्माण कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ठंड के मौसम को देखते हुए सड़क निर्माण से जुड़े कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
बैठक में सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने शीतलहर से निपटने के लिए राज्य में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। इस अवसर पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, डीजीपी दीपम सेठ समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। वर्चुअल माध्यम से कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत और सभी जिलाधिकारी भी बैठक में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि शीतलहर के दौरान लोगों को राहत मिले और सभी आवश्यक सेवाएं सुचारू रूप से संचालित रहें।
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