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उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के सावणी गांव में रविवार रात भीषण आग लगने से बड़ा हादसा हो गया। इस आग में 9 घर पूरी तरह जलकर खाक हो गए, जबकि 76 वर्षीय एक महिला की दर्दनाक मौत हो गई। इस त्रासदी में करीब 25 परिवार बेघर हो गए हैं। आग पर काबू पाने में कई घंटे लग गए, और प्रभावित परिवारों का सारा सामान जलकर नष्ट हो गया।

लकड़ी के मकानों ने आग को बनाया विकराल

सावणी गांव, जो मोरी तहसील मुख्यालय से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, में आग रात करीब 9 बजे किताब सिंह के मकान से शुरू हुई। मकान देवदार और कैल की लकड़ी से बने होने के कारण आग तेजी से फैलती चली गई। जब आग ने विकराल रूप ले लिया, तो जखोल गांव के ग्रामीणों ने रात 11 बजे जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन को सूचना दी।

राहत-बचाव कार्य में बाधाएं

जखोल से सावणी तक पांच किलोमीटर का पैदल रास्ता और अंधेरे के कारण राहत-बचाव दल को मौके पर पहुंचने में तीन घंटे लग गए। पहली राहत टीम रात 12:30 बजे पहुंची, लेकिन तब तक ग्रामीणों ने अपने स्तर पर आग पर काफी हद तक काबू पा लिया था। रात करीब तीन बजे आग पर पूरी तरह से नियंत्रण पाया जा सका।

9 मकान जलकर खाक, कई परिवार बेघर

इस हादसे में 9 मकान पूरी तरह जल गए, जिनमें करीब 15-16 परिवार निवास करते थे। इसके अलावा, 2 मकानों को आग से बचाने के लिए तोड़ा गया, जबकि 3 मकानों को आंशिक रूप से नुकसान हुआ।

आग का कारण और प्रशासन की प्रतिक्रिया

प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण किताब सिंह के घर में जल रहा पूजा का दीया बताया जा रहा है। जिलाधिकारी डॉ. मेहराबन सिंह बिष्ट के निर्देश पर राहत कार्यों के लिए विभिन्न विभागों और वन कर्मियों की टीमों को तैनात किया गया।

पहले भी झेल चुका है ऐसा हादसा

सावणी गांव में 2018 में भी इसी तरह का अग्निकांड हुआ था, जिसमें 39 मकान और 100 मवेशी जलकर खाक हो गए थे।

इस बार की घटना में प्रभावित परिवारों को सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया गया है। प्रशासन ने कहा है कि पीड़ितों को तत्काल राहत सामग्री और आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी।

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