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सितारगंज में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां स्कूल परिसर में तीन नाबालिग लड़कों ने चार साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया। इस मामले में पुलिस ने बाल अपराध संरक्षण अधिनियम (POSCO Act) और बीएनएस की धारा 70(2) के तहत मामला दर्ज किया है।

बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य सुमन राय ने भी पीड़िता के घर जाकर स्थिति की जानकारी ली और हर संभव मदद का आश्वासन दिया।घटना सोमवार की है जब पीड़िता की मां ने गांव के ही स्कूल में तीन नाबालिग लड़कों द्वारा बच्ची के साथ दुष्कर्म का प्रयास करने की शिकायत की।

आरोपियों में एक लड़के की उम्र महज छह वर्ष है, जबकि अन्य दो लड़कों की उम्र 10 और 11 साल है। एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए तीनों बालकों को बाल कल्याण पुलिस अधिकारी ने हिरासत में लेकर उनके स्वजनों के साथ संरक्षण में लिया है। जल्द ही उन्हें किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया जाएगा, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।पीड़िता का मेडिकल परीक्षण किया गया, जिसमें उसके गुप्तांगों से छेड़छाड़ की पुष्टि हुई है। इस घटना ने समाज में बच्चों की बदलती मानसिकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

मनोचिकित्सकों का कहना है कि बच्चों की इस तरह की हरकतें उनके आसपास के माहौल, परिवार में शिक्षा के अभाव और इंटरनेट पर उपलब्ध अश्लील सामग्री के कारण होती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों के हाथों में मोबाइल फोन देना, जिसमें वे पॉर्न वीडियो देख सकते हैं, उनके मानसिक विकास पर बुरा असर डालता है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि माता-पिता को बच्चों की शिक्षा, संगति और उनके ऑनलाइन गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए ताकि वे इस तरह के अपराधों से दूर रह सकें।

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