उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। प्रत्याशियों के चयन को लेकर पार्टी के भीतर गहन मंथन का सिलसिला जारी है। तीन दिनों से नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के आवास पर वरिष्ठ नेताओं की मैराथन बैठकें हो रही हैं। शुक्रवार देर रात कांग्रेस ने नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों के लिए प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी।
तीन दिनों तक चला मंथन, पहली सूची जारी
पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने शुक्रवार रात पहली सूची जारी करते हुए बताया कि तीन नगर निगमों के मेयर पद के प्रत्याशियों समेत नगर पालिका और नगर पंचायतों के उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए गए हैं। दूसरी सूची जल्द जारी होने की संभावना है। प्रत्याशियों के चयन के लिए जिला प्रभारियों, आंतरिक सर्वे रिपोर्ट और वरिष्ठ नेताओं की राय को प्राथमिकता दी गई।
वार्डों के लिए पैनल तैयार, रणनीति पर जोर
देहरादून नगर निगम के 100 वार्डों के लिए कांग्रेस ने बीते कई दिनों से तैयारियां तेज कर रखी थीं। पार्टी ने वार्डों के लिए पैनल तैयार कर निकाय प्रभारी प्रकाश जोशी के पास भेजा था। इस पैनल पर विस प्रत्याशियों और अन्य नेताओं की राय लेकर अंतिम नामों को तय किया गया। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस ने करीब 40 वार्डों में प्रत्याशी तय कर लिए हैं, लेकिन विरोधी दलों की रणनीति को देखते हुए अंतिम सूची में बदलाव की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
भाजपा को चुनौती देने की तैयारी
देहरादून नगर निगम कांग्रेस के लिए विशेष महत्व रखता है। पिछली बार यहां भाजपा ने 60 वार्डों में जीत दर्ज की थी, जबकि कांग्रेस ने 34 वार्डों में सफलता पाई थी। छह निर्दलीय उम्मीदवार भी विजयी हुए थे। इस बार कांग्रेस किसी भी चूक से बचना चाहती है और बहुमत हासिल करने के लिए प्रत्याशियों के चयन में विशेष सतर्कता बरत रही है।
वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में हुआ फैसला
शुक्रवार को हुई बैठक में प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और गणेश गोदियाल समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। शनिवार को नई दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के कारण पार्टी के कई वरिष्ठ नेता वहां मौजूद रहेंगे। इसके बावजूद निकाय चुनाव को लेकर तैयारियों का दौर लगातार जारी है।
कांग्रेस का लक्ष्य इस बार उत्तराखंड में निकाय चुनावों में बड़ी जीत हासिल करना है। पार्टी ने रणनीति में किसी भी प्रकार की कमी नहीं छोड़ने का निर्णय लिया है।
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