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देहरादून। दिल्ली में बीएस-4 डीजल बसों के प्रवेश पर प्रतिबंध के बाद यात्रियों को हो रही असुविधा को देखते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा निर्णय लिया है। उन्होंने परिवहन विभाग को तुरंत प्रभाव से बसों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

वोल्वो बसों की संख्या और फेरों में वृद्धि

मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि दिल्ली मार्ग पर संचालित 12 सुपर डीलक्स बीएस-6 वोल्वो बसों को रि-शेड्यूल कर 24 घंटे के भीतर तीन फेरे (डेढ़ ट्रिप) लगाए जाएं। इसके अलावा, हाल ही में खरीदी गई 130 बीएस-6 साधारण बसों और 185 अनुबंधित सीएनजी बसों को भी दिल्ली मार्ग पर प्राथमिकता के आधार पर संचालित करने को कहा गया है।

परिवहन निगम का एक्शन प्लान

परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि 100 नई बीएस-6 बसों की खरीद और 100 सीएनजी बसों को अनुबंध पर लेने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। इनमें से 30 सीएनजी बसें पहले ही उपलब्ध हो चुकी हैं और दिल्ली मार्ग पर चल रही हैं।

पुरानी बसों का सीमित उपयोग

बीएस-4 श्रेणी की 194 बसों पर रोक लगने के बाद निगम ने पुरानी डीजल बसों को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित कौशांबी डिपो और मोहननगर तक संचालित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) से वार्ता की जा रही है, ताकि कौशांबी और मोहननगर से यात्रियों को दिल्ली तक पहुंचाने के लिए डीटीसी की बसों का उपयोग किया जा सके।

वोल्वो बसों की मांग और संचालन में बदलाव

प्रतिबंध से पहले परिवहन निगम की 52 वोल्वो बसों में से 45 दिल्ली मार्ग पर संचालित थीं। वर्तमान में यह संख्या घटकर 12 रह गई है। इन बसों की ऑनलाइन बुकिंग पूरी तरह भरी हुई है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि यात्रियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए वोल्वो बसों के फेरों को बढ़ाया जाए। इसके तहत अब देहरादून से रात 8:30 बजे अतिरिक्त वोल्वो बस चलाई जा रही है, जो सुबह दिल्ली पहुंचने के बाद शाम तक लौटकर पुनः दिल्ली भेजी जाती है।

मेरठ एक्सप्रेसवे से संचालन का फैसला

यात्रियों की सुविधा और समय की बचत के लिए निगम ने आधी बसों को मेरठ एक्सप्रेसवे के माध्यम से संचालित करने की योजना बनाई है। वोल्वो बसें पहले से इस मार्ग पर नोएडा सेक्टर-62 होते हुए दिल्ली जाती हैं। यह मार्ग साढ़े चार से पांच घंटे में दिल्ली पहुंचने की सुविधा प्रदान करता है, जिससे एक दिन में तीन फेरे लगाना संभव होगा।

यात्रियों की संख्या में वृद्धि की उम्मीद

परिवहन अधिकारियों को भरोसा है कि एक्सप्रेसवे मार्ग से संचालन के बाद यात्रियों की संख्या में वृद्धि होगी। वर्तमान में बसें 24 घंटे में दो फेरे (आना-जाना) करती हैं, लेकिन नई व्यवस्था के तहत तीन फेरे लगाए जा सकते हैं।

शीतकालीन अवकाश और नए वर्ष के लिए विशेष तैयारी

मुख्यमंत्री ने स्कूलों में शीतकालीन अवकाश और नए वर्ष के दौरान यात्रियों की संभावित भीड़ को ध्यान में रखते हुए विशेष प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं। अनुबंधित बस ऑपरेटरों को वोल्वो बसों के विकल्प के तौर पर नई बसें लगाने के लिए कहा गया है।

यात्रियों की सुविधा सर्वोपरि

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यात्रियों की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए बसों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बसों के संचालन में किसी भी प्रकार की देरी या असुविधा न हो।

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