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काशीपुर, उत्तराखंड: उत्तर प्रदेश में राज्यमंत्री या विधान परिषद सदस्य का पद दिलाने के नाम पर एक वकील से 6.46 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। इस मामले में पुलिस ने अब चार आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामला करीब दो साल पुराना है, लेकिन पुलिस को अब जाकर शिकायत प्राप्त हुई है। आरोप है कि वकील को बड़े सुनियोजित तरीके से फंसाया गया और धमकियां देकर दो करोड़ रुपये की और मांग की जा रही थी।

वकील से राज्यमंत्री पद का झांसा देकर ठगी

काशीपुर के स्टेशन रोड निवासी एडवोकेट उदित बंसल ने अपनी शिकायत में बताया है कि अमित काम्बोज नाम का व्यक्ति 28 मई 2022 को उनके कार्यालय में आया और उन्हें उत्तर प्रदेश में राज्यमंत्री या विधान परिषद के सदस्य का पद दिलाने का प्रस्ताव दिया। अमित ने दावा किया कि वह और उसका भाई मनोज काम्बोज उत्तर प्रदेश के उच्च भाजपा नेताओं और मंत्रियों से करीबी संबंध रखते हैं। इसके बदले में, उसने भाजपा के पार्टी फंड में दो करोड़ रुपये जमा कराने की बात कही। अमित पर विश्वास करते हुए, उदित ने उसे लखनऊ आने-जाने के खर्च के लिए 40,000 रुपये नकद दिए।

ठगी की योजना और रकम की वसूली

इसके बाद, 3 जून 2022 को अमित ने 50,000 रुपये पार्टी फंड में जमा करने और एक बायोडाटा भेजने के लिए कहा। उदित ने उसी दिन अमित के व्हाट्सएप पर अपना बायोडाटा भेज दिया और 50,000 रुपये गूगल पे के जरिए ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद से ही, विभिन्न बहानों से उदित से और रकम की मांग की गई। मनोज ने भाजपा नेताओं से संपर्क में होने का दावा करते हुए उदित को लगातार गुमराह किया।22 जून 2022 को, अमित ने उदित की बातचीत एक नरेश नामक व्यक्ति से कराई, जिसे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का करीबी बताया गया। इसके बाद उदित को दिल्ली बुलाकर सीएम से मिलने का झांसा दिया गया, लेकिन मुलाकात नहीं कराई गई। बाद में, लखनऊ बुलाकर होटल के नाम पर 25,000 रुपये जमा कराए गए और 40,000 रुपये और लेकर मिलने का कार्यक्रम फिर से टाल दिया गया।

ठगी का सिलसिला जारी

राजकुमार कर्णवाल नामक व्यक्ति, जिसने खुद को सीएम का ओएसडी बताया, ने इस दौरान उदित से 1,10,000 रुपये पार्टी फंड और 90,000 रुपये अन्य खर्चों के लिए जमा कराए। राजकुमार ने कुछ कागजात दिखाकर और 72,000 रुपये भी ठग लिए। इसके बाद भी, वाट्सएप पर कागज भेजकर और रकम ट्रांसफर कराई गई। 28 फरवरी 2023 को उदित को देहरादून बुलाया गया, जहां राजकुमार ने 5 लाख रुपये की और मांग की, जिसे उदित ने उस वक्त मना कर दिया।11 मई 2023 को, जब उदित हैदराबाद में थे, राजकुमार और नरेश ने उनसे 5 लाख रुपये की और मांग की, जिसे उदित ने अपनी भांजी के माध्यम से जमा करा दिया।

धमकी मिलने के बाद मामला पुलिस में पहुंचा

कुल 6.46 लाख रुपये ठगे जाने के बाद, 21 अक्टूबर 2023 को जब उदित ने अमित से अपने पैसे वापस मांगे, तो उसने नरेश को कॉन्फ्रेंस कॉल पर ले लिया और दोनों ने उदित को धमकाना शुरू कर दिया। इस पर उदित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद चारों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया। मामले की जांच बांसफौड़ान चौकी इंचार्ज को सौंपी गई है।

पुरानी ठगी के मामले में भी शामिल है आरोपी

जांच के दौरान यह भी पता चला कि राजकुमार कर्णवाल पहले भी फर्जीवाड़े के मामलों में शामिल रह चुका है और कई बार जेल जा चुका है।

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पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है कि लगभग दो साल पुराना मामला इतने लंबे समय तक दबा क्यों रहा और इसकी शिकायत पहले क्यों नहीं की गई।

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