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केदारनाथ धाम से यात्रियों का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। पांचवे दिन मौसम साफ होने के कारण हेलिकॉप्टर से यात्रियों को रेस्क्यू किया जा रहा है। रविवार को लगभग 1100 लोगों का सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया गया। सेना ने भी अब इस अभियान की कमान संभाल ली है और पैदल मार्ग पर लोगों की खोजबीन के लिए स्निफर डॉग्स भेजे गए हैं। अब तक दस हजार से अधिक तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों को केदारनाथ धाम और पैदल मार्ग से सुरक्षित निकाला जा चुका है। सोमवार को केदार घाटी का मौसम साफ होने के साथ ही एमआई 17 और चिनूक हेलिकॉप्टरों से एयर लिफ्ट रेस्क्यू का कार्य शुरू किया गया है। एमआई 17 हेलिकॉप्टर चारधाम हेलीपैड पर यात्रियों को उतार रहा है जबकि चिनूक हेलिकॉप्टर गौचर हवाई पट्टी पर यात्रियों को उतारेगा। सुबह 09 बजे तक 133 लोगों को केदारनाथ से एमआई 17 और चिनूक हेलिकॉप्टरों की मदद से सुरक्षित रेस्क्यू किया जा चुका है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं रेस्क्यू और सर्च अभियान की पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। सोमवार सुबह 100 लोगों को सुरक्षा बलों की देखरेख में श्री केदारनाथ धाम से लिनचोली हेलीपैड के लिए रवाना किया गया है। इन यात्रियों को लिनचोली से एयर लिफ्ट कर शेरसी हैलीपैड पर उतारा जाएगा। एनडीआरएफ की टीमें जंगल और मंदाकिनी नदी के आसपास सर्च अभियान चला रही हैं। गौरीकुंड और सोनप्रयाग के बीच वाशआउट हुए हाईवे पर सेना ने ट्रॉली स्थापित कर बुजुर्गों और घायलों को निकालने का कार्य शुरू किया है। रेस्क्यू ऑपरेशन के चौथे दिन रविवार को कुल 1155 लोगों का रेस्क्यू किया गया, जिसमें 628 लोग हेलिकॉप्टर से और 527 लोग पैदल मार्ग से निकाले गए। हेलीपैड से लिनचोली, चीरबासा और केदारनाथ से रेस्क्यू किया गया।

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सोनप्रयाग में मैन्युल रेस्क्यू के लिए सेना, डीडीआरएफ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस के जवान मिलकर काम कर रहे हैं। 6 ग्रेनेडियर यूनिट के सीओ कर्नल हितेश वशिष्ठ के नेतृत्व में सेना, आपदा से क्षतिग्रस्त पैदल मार्ग को फिर से आवाजाही के लिए उपयुक्त बनाने के लिए काम कर रही है। गौरीकुंड की ओर फंसे घायल, बुजुर्ग और दिव्यांगों को रेस्क्यू करने के लिए सेना ने एक ट्रॉली स्थापित की है। रविवार को 25 बुजुर्ग और घायल लोगों का रेस्क्यू किया गया। स्निफर डॉग्स की टीम जंगल में भटक गए लोगों की खोजबीन के लिए और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में सर्च अभियान के लिए भेजी गई है।

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