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गोपेश्वर।
जोशीमठ-मलारी हाइवे पर एक दर्दनाक घटना सामने आई है। सुरांई थोटा से करीब पांच किलोमीटर आगे गाड़ी ब्रिज के नीचे धौली गंगा में दो मजदूरों के नग्न अवस्था में शव बरामद हुए हैं। मृतक मजदूर सीमा सड़क संगठन के अंतर्गत चल रहे निर्माण कार्यों में लगी सीपीपीएल कंपनी में कार्यरत थे। वहीं, इनका एक अन्य साथी लापता है। घटना से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई है।

नदी में अटके मिले शव

स्थानीय लोगों ने गाड़ी ब्रिज के पास धौली गंगा में दो शवों के अटके होने की सूचना पुलिस को दी। जानकारी मिलते ही ज्योर्तिमठ कोतवाली की पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। शवों को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। मृतकों की पहचान नेपाल के सुरखेत जिले के बबई हाथीखाल गांव के रहने वाले 24 वर्षीय सुभाष पांडे और 23 वर्षीय चित्रबहादुर के रूप में हुई है।

मृतकों का तीसरा साथी, हरि (नेपाल के सुरखेत जिले का निवासी), अभी भी लापता है। नदी किनारे उसके कपड़े और जैकेट मिले हैं, लेकिन उसका कोई पता नहीं चल सका है।

मजदूरों के साथ हुई घटना पर कई सवाल

पुलिस को शुरुआती जांच में पता चला कि मजदूरों के साथ घटना से पहले भारी मात्रा में शराब का सेवन किया गया था। एक अन्य मजदूर, नोक बहादुर, जो इस हादसे के समय मौजूद था, ने बताया कि शराब पीने के बाद वह सो गया था। बाकी तीन मजदूर आग सेक रहे थे।

हैरानी की बात यह है कि बर्फीले और कड़क सर्दी वाले इलाके में मजदूरों के नग्न अवस्था में शव मिलने से संदेह गहराता जा रहा है। एक शव पूरी तरह नग्न था, जबकि दूसरे के बदन पर सिर्फ अंडरवियर और बनियान थी। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि मजदूरों के कपड़े क्यों उतारे गए और यह हादसा या साजिश कैसे हुई।

बिना सत्यापन तैनात थे मजदूर

घटना ने बॉर्डर इलाके में बिना सत्यापन मजदूरों की तैनाती को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ठेकेदार द्वारा मजदूरों का पुलिस सत्यापन नहीं कराया गया था। यह मामला न सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि सीमांत इलाकों में बाहरी व्यक्तियों की बढ़ती गतिविधियों को लेकर भी चिंता बढ़ा रहा है।

पुलिस ने ठेकेदार अनिश कौशल और अन्य संबंधित व्यक्तियों से पूछताछ शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि मजदूर हाल ही में जोशीमठ से लाए गए थे, इसलिए सत्यापन प्रक्रिया नहीं हो सकी।

पुलिस जांच जारी

जोशीमठ कोतवाली के कोतवाल राकेश भट्ट ने बताया कि लापता मजदूर की तलाश जारी है। घटनास्थल के पास मौजूद झोपड़ियों और आसपास रह रहे मजदूरों से भी पूछताछ की जा रही है। पुलिस का कहना है कि पूरे मामले की तह तक जाने के लिए हर संभव पहल की जाएगी।

निष्कर्ष:
यह घटना सीमा सड़क संगठन के कामकाज और मजदूरों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। साथ ही, बर्फीले इलाकों में मजदूरों की तैनाती से पहले सत्यापन प्रक्रिया सुनिश्चित करने की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है। पुलिस घटना की हर पहलू से जांच कर रही है।

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