वन विभाग ने तेंदुए को किया ट्रेंकुलाइज, अल्मोड़ा रेस्क्यू सेंटर भेजा
अल्मोड़ा जिले के स्याल्दे-देघाट क्षेत्र में तेंदुए ने खौफ का माहौल पैदा कर दिया। रविवार को तेंदुए ने तीन अलग-अलग स्थानों पर हमला कर आठ लोगों को गंभीर रूप से घायल कर दिया। घायलों का इलाज अस्पताल में जारी है, हालांकि उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। वन विभाग की टीम ने देर शाम तेंदुए को ट्रेंकुलाइज कर अल्मोड़ा स्थित रेस्क्यू सेंटर भेज दिया।
पहला हमला: मजदूरों पर तेंदुए का हमला
रविवार सुबह करीब 7 बजे मालभीड़ा क्षेत्र में तेंदुए ने मंदिर के पास काम पर जाने की तैयारी कर रहे नेपाली मूल के दो मजदूरों, प्रेम और गणेश, पर हमला कर दिया। दोनों को गंभीर चोटें आईं। चीख-पुकार सुनकर स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे, जिससे तेंदुआ भाग गया। घायलों को देघाट के अस्पताल में भर्ती कराया गया।
दूसरा हमला: धूप सेंकते ग्रामीणों पर हमला
मालभीड़ा में घटना के तुरंत बाद खल्डुवा गांव के पास बाजार में धूप सेंक रहे तीन ग्रामीणों—गंगा देवी, कृपाल सिंह और बच्ची देवी—पर तेंदुए ने हमला किया। आसपास के लोग घायलों को तुरंत अस्पताल ले गए, जहां प्राथमिक उपचार दिया गया।
तीसरा हमला: बरंगल गांव में तीन और घायल
शाम को तेंदुए ने बरंगल गांव में भी हमला किया, जिसमें केशव दत्त, धर्मानंद, और गजेंद्र सिंह घायल हो गए। इस बार ग्रामीणों ने तेंदुए को घेरने की कोशिश की। थकावट और चोट के कारण तेंदुआ सड़क किनारे गिर पड़ा। वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर उसे ट्रेंकुलाइज किया।
ग्रामीणों में दहशत का माहौल
इन हमलों के बाद पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई। स्थानीय निवासी हरीश बोरा और खल्डुवा-नाचुलाखाल समिति के अध्यक्ष हरी दत्त बलोदी ने वन विभाग से तेंदुए के आतंक से निजात दिलाने की मांग की। शाम होते ही लोग घरों से बाहर निकलने से डरने लगे हैं।
वन विभाग की कार्रवाई
वन विभाग के डिप्टी रेंजर जीत सिंह रावत ने आठ सदस्यीय टीम के साथ तेंदुए की तलाश शुरू की थी। तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा भी लगाया गया था। वन विभाग की एसडीओ कोकिला पुंडीर और रेंजर उमेश चंद पांडे ने भी क्षेत्र में गश्त की। तहसीलदार दीवान गिरि ने अस्पताल जाकर घायलों का हालचाल लिया।
विधायक ने घायलों का जाना हाल
विधायक महेश जीना ने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल जाना और वन विभाग को तेंदुए को जल्द पकड़ने के निर्देश दिए।
वन विभाग का बयान
डिप्टी रेंजर जीत सिंह रावत ने बताया, “घटना की जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी गई है। तेंदुए को ट्रेंकुलाइज कर अल्मोड़ा स्थित रेस्क्यू सेंटर भेज दिया गया है।”
ग्रामीणों की मांग
स्थानीय लोगों ने वन विभाग से तेंदुए के आतंक को खत्म करने और क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। तेंदुए के हमलों ने क्षेत्र में भय का माहौल बना दिया है।
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