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देहरादून:
रायवाला क्षेत्र में गोवशं मिलने की घटना, जिसने स्थानीय लोगों और हिंदू संगठनों के बीच भारी आक्रोश पैदा कर दिया था, पुलिस ने मात्र 24 घंटे के भीतर खुलासा कर सच्चाई सबके सामने रख दी। पुलिस की त्वरित और सटीक कार्यवाही के लिए स्थानीय लोगों ने प्रशंसा की।

घटना का विवरण:

दिनांक 20 दिसंबर 2024 को प्रतीतनगर, रायवाला निवासी श्री आशुतोष नेगी ने पुलिस को सूचना दी कि उनके निर्माणाधीन मकान में एक गाय के बछड़े का सिर मिला है। इस पर थाना रायवाला में मुकदमा संख्या 233/24 धारा 5/11 उत्तराखंड गौवंश संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।

घटना की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी देहरादून के निर्देश पर क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश के नेतृत्व में पुलिस टीमें गठित की गईं। जांच के दौरान 50 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई और संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ की गई।

जांच का नतीजा:

सीसीटीवी फुटेज में 20 दिसंबर की सुबह 4:40 बजे एक कुत्ता बछड़े का सिर अपने मुंह में दबाकर श्री नेगी के निर्माणाधीन मकान की ओर ले जाता हुआ दिखाई दिया। जांच में पता चला कि 17 दिसंबर को श्रीमती राजमति, निवासी हाट बाजार रायवाला, ने एक लावारिस गाय का प्रसव कराया था। प्रसव के दौरान बछड़े की मृत्यु हो गई थी। स्थानीय लोगों की मदद से मृत बछड़े को खांड गांव प्रथम स्थित एक खाली प्लॉट में दफनाया गया था।

बाद में आवारा कुत्ते ने बछड़े के सिर को गड्ढे से निकालकर श्री नेगी के मकान में पहुंचा दिया।

पुलिस की कार्रवाई और स्थानीय प्रतिक्रिया:

21 दिसंबर को वादी, हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों और स्थानीय लोगों को थाने पर बुलाकर सीसीटीवी फुटेज दिखाए गए। सच्चाई सामने आने के बाद सभी ने पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना की।

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पुलिस टीम का योगदान:

इस केस को सुलझाने में निम्न पुलिसकर्मियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई:

  1. प्रभारी निरीक्षक बी.एल. भारती
  2. उप निरीक्षक कुशाल सिंह रावत
  3. उप निरीक्षक चिंतामणि मैठाणी
  4. उप निरीक्षक योगेंद्र
  5. हेड कांस्टेबल चंद्रपाल
  6. हेड कांस्टेबल रोमिल
  7. कांस्टेबल अमित
  8. कांस्टेबल अनुज
  9. कांस्टेबल हंसराज
  10. कांस्टेबल अनित

निष्कर्ष:

रायवाला पुलिस की इस तेज़ और निष्पक्ष जांच ने न केवल सच्चाई उजागर की बल्कि जनता का विश्वास भी मजबूत किया। पुलिस की इस पेशेवर कार्यशैली की हर तरफ प्रशंसा हो रही है।

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