देहरादून: सीबीआई ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के सहायक अधिशासी अभियंता, भगवती प्रसाद, को ठेकेदार से लंबित बिलों के भुगतान के एवज में 15,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। सीबीआई को शिकायत प्राप्त हुई थी कि देहरादून स्थित हरिद्वार रोड के मंडल कार्यालय में तैनात अभियंता भगवती प्रसाद ठेकेदार से 57,000 रुपये की रिश्वत की मांग कर रहा था, जिसे बाद में 40,000 रुपये पर तय किया गया। इसके तहत 15,000 रुपये अग्रिम तौर पर देने की बात हुई थी।शिकायत की पुष्टि के बाद सीबीआई की एक टीम ने मंगलवार शाम को कार्यालय में ही अभियंता को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद सीबीआई ने अभियंता के आवास की भी तलाशी ली, जो मंडल कार्यालय परिसर में ही स्थित है। तलाशी अभियान रात तक जारी रहा और अभियंता को बुधवार को सीबीआई की विशेष अदालत में पेश करने की योजना है।
विजिलेंस ने यूपीसीएल के अभियंता और एजेंट को रिश्वत लेते हुए पकड़ा
वहीं, दूसरी ओर उत्तराखंड विजिलेंस ने उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (ऊर्जा निगम) के अवर अभियंता परवेज आलम और उसके एजेंट आदित्य नौटियाल को बिजली कनेक्शन दिलवाने के एवज में रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। विजिलेंस को सूचना मिली थी कि हरबर्टपुर स्थित ऊर्जा निगम के सब-स्टेशन का अवर अभियंता उपभोक्ताओं से बिजली कनेक्शन के लिए रिश्वत मांग रहा है। प्रारंभिक जांच के बाद विजिलेंस ने एक जाल बिछाया और जैसे ही उपभोक्ता ने अभियंता को 15,000 रुपये की रिश्वत दी, टीम ने अभियंता और उसके एजेंट को रंगे हाथों दबोच लिया।
भ्रष्टाचार की शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर और पुरस्कार की घोषणा
विजिलेंस के निदेशक, डॉ. वी. मुरुगेशन ने बताया कि यह कार्रवाई विजिलेंस की टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1064 पर प्राप्त शिकायत के आधार पर की गई है। उन्होंने विजिलेंस की ट्रैप टीम को नकद पुरस्कार देने की भी घोषणा की। साथ ही, उन्होंने आम जनता से अपील की है कि यदि कोई सरकारी अधिकारी या कर्मचारी रिश्वत की मांग करता है, तो इसकी सूचना टोल फ्री नंबर 1064 या व्हाट्सएप नंबर 9456592300 पर दी जा सकती है।
यह भी पढ़ें – देहरादून: खराब ट्रैफिक लाइटों को दो हफ्तों में ठीक करने का अल्टीमेटम, वरना प्रशासन करेगा सख्त कार्रवाई