राजधानी देहरादून में पुलिस ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और दिल्ली के पांच युवकों को एक केमिकल डिवाइस के साथ गिरफ्तार किया है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह डिवाइस रेडियोएक्टिव पदार्थ से संबंधित बताई जा रही थी, जिससे पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उच्चाधिकारियों को सूचित किया।
रेडिएशन इमरजेंसी रिस्पांस टीम की जांच
पुलिस ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से रेडिएशन इमरजेंसी रिस्पांस टीम बुलाई। जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि डिवाइस में रेडियोएक्टिव पदार्थ नहीं था, बल्कि केमिकल पाया गया। अब इस डिवाइस को भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, मुंबई भेजा गया है ताकि इसके बारे में और स्पष्ट जानकारी मिल सके।
डिवाइस की जांच और उद्देश्य
डिवाइस को बेचने के उद्देश्य से दून लाया गया था और इसकी कीमत करोड़ों रुपये में तय की गई थी। पुलिस को जानकारी मिली कि इसमें तीन अन्य आरोपी भी शामिल हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए नोएडा और सहारनपुर में दबिश दी जा रही है।
पुलिस की कार्रवाई
एसएसपी अजय सिंह के अनुसार, जाखन स्थित ब्रुक एंड वुड्स सोसाइटी में पूर्व आयकर आयुक्त श्वेताभ सुमन का फ्लैट है, जिसे कुछ बाहरी व्यक्तियों को किराये पर दिया गया था। फ्लैट में संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिलने पर पुलिस ने वहां छापा मारा और पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया।
डिवाइस के बारे में जानकारी
डिवाइस पर “रेडियोग्राफी कैमरा निर्मित विकिरण और आइसोटोप प्रौद्योगिकी बोर्ड भारत सरकार परमाणु ऊर्जा विभाग भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र नवी मुंबई” लिखा हुआ था। इसके अलावा, एक काले रंग का बॉक्स भी मिला, जिसे फ्लैट में मौजूद व्यक्तियों ने रेडियोएक्टिव पावर आर्टिकल बताया।
एसडीआरएफ टीम की जांच
एसडीआरएफ की सीबीआरएन टीम ने टेलीटेक्टर, अल्साइन मानीटर और मिनी रेड बीटा इंटरनल उपकरणों से डिवाइस की जांच की। प्रारंभिक जांच में रेडियोएक्टिव तत्व होने की आशंका जताई गई थी, लेकिन बाद में केमिकल की पुष्टि हुई।
आरोपियों की पहचान और साजिश
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में सुमित पाठक (आगरा, उत्तर प्रदेश), तबरेज आलम (सहारनपुर, उत्तर प्रदेश), सरवर हुसैन (नई दिल्ली), जैद अली (भोपाल, मध्य प्रदेश), और अभिषेक जैन (भोपाल, मध्य प्रदेश) शामिल हैं। पूछताछ में सामने आया कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड सुमित पाठक है, जो दुबई से किसी बिट्टू नाम के व्यक्ति से डिवाइस लेकर आया था।
पुलिस की जांच और सावधानी
पुलिस इस मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों के आपराधिक इतिहास और उनके संपर्कों की जांच कर रही है। मुख्य सचिव के आवास के निकट इस डिवाइस का होना भी पुलिस की चिंता का विषय है
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यह घटना दिखाती है कि कैसे पुलिस और रेडिएशन इमरजेंसी रिस्पांस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक संभावित बड़ी साजिश को नाकाम किया। मामले की जांच जारी है और जल्द ही और भी जानकारी सामने आने की संभावना है।