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देहरादून के इंटर स्टेट बस टर्मिनल (आइएसबीटी) में खड़ी एक बस में 16 वर्षीय किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है। इस जघन्य अपराध में शामिल पांचों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

घटनाक्रम और आरोपियों की गिरफ़्तारी

घटना 12 अगस्त की देर रात की है, जब मुरादाबाद की रहने वाली एक मानसिक रूप से कमजोर किशोरी पटियाला जाने के बजाय गलती से दिल्ली की बस में सवार हो गई। दिल्ली के कश्मीरी गेट बस अड्डे पर वह उत्तराखंड परिवहन निगम की बस में बैठी, जो उसे देहरादून लेकर आई। देहरादून पहुँचने पर, बस चालक धर्मेंद्र कुमार ने किशोरी से उसका फायदा उठाने की कोशिश की और उसे पटियाला की बस में बैठाने का झांसा देकर बस में ही दुष्कर्म किया। इसके बाद, बस के परिचालक देवेंद्र, और फिर अन्य दो बस चालकों, रवि कुमार और राजपाल, ने भी किशोरी का यौन शोषण किया। अंतिम आरोपी, परिवहन निगम का कैशियर राजेश कुमार, भी इस घिनौने कृत्य में शामिल हो गया।

सुरक्षाकर्मी की सजगता और पुलिस की त्वरित कार्रवाई

आधी रात के बाद आइएसबीटी पर तैनात सुरक्षा गार्ड ने किशोरी को अकेले भटकते देखा, जिससे उसे संदेह हुआ। उसने तुरंत ही किशोरी को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) के बूथ पर पहुँचाया। सीडब्ल्यूसी की टीम ने मामले की सूचना पुलिस को दी और किशोरी को बाल कल्याण गृह में भेज दिया गया, जहाँ उसकी काउंसलिंग की गई। काउंसलिंग के बाद, किशोरी ने अपनी आपबीती सुनाई, जिससे सामूहिक दुष्कर्म की घटना का खुलासा हुआ। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की पहचान कर कुछ ही घंटों में उन्हें गिरफ्तार कर लिया। घटना में इस्तेमाल की गई बस को भी सीज कर दिया गया है।

प्रशासन की कार्रवाई

घटना के बाद परिवहन निगम ने सख्त कदम उठाते हुए आरोपी विशेष श्रेणी परिचालक देवेंद्र और चालक राजपाल को बर्खास्त कर दिया है, जबकि नियमित परिचालक राजेश सोनकर को निलंबित कर दिया गया है। अनुबंधित बस चालक धर्मेंद्र और रवि को निगम से आजीवन प्रतिबंधित कर दिया गया है।इस भयावह घटना ने देहरादून के लोगों में गुस्सा और भय पैदा कर दिया है, और न्याय की मांग के बीच पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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