हल्द्वानी में एक नवनियुक्त पार्षद ने शपथ ग्रहण के कुछ ही घंटों बाद अपने समर्थकों के साथ मिलकर जमकर उत्पात मचाया। प्रधानमंत्री द्वारा घोषित एक महत्वाकांक्षी सीवरेज परियोजना पर काम कर रही कंपनी के मजदूर कैंप और स्टोर यार्ड में घुसकर उन्होंने चार बुलडोजर, तीन ट्रैक्टर और पांच कारों में तोड़फोड़ की। इस दौरान मजदूरों से मारपीट भी की गई, जिसमें तीन मजदूर घायल हो गए।

नवनियुक्त पार्षद और समर्थकों ने मचाया उत्पात

तिरुपति सीमेंट्स प्रोडक्ट्स कंपनी के महाप्रबंधक सचिन यादव द्वारा मुखानी थाना पुलिस को दी गई तहरीर के अनुसार, कंपनी यूयूएसडीए शहरी विकास परियोजना के तहत हल्द्वानी में पेयजल और सीवरेज का काम कर रही है। 7 फरवरी की रात करीब 9 बजे, नवनियुक्त पार्षद अपने दो भाइयों और 8-10 अन्य अराजक तत्वों के साथ मजदूर कैंप और स्टोर यार्ड में पहुंचे।

वहां पहुंचते ही उन्होंने मजदूरों को गाली-गलौज करनी शुरू कर दी और फिर मारपीट पर उतर आए। आरोप है कि हमलावरों ने न केवल मजदूरों को पीटा बल्कि चार बुलडोजर, तीन ट्रैक्टर और पांच कारों में भी जमकर तोड़फोड़ की। हमलावर नशे में धुत थे और उन्होंने मजदूरों को असलहा दिखाकर जान से मारने की धमकी भी दी।

घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया

इस हमले में मजदूर कमल शर्मा, विस्तरित हुसैन और रेहाद्दिन गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके अलावा सात अन्य मजदूरों को भी मारा-पीटा गया। इस पूरे मामले की सूचना मिलते ही कंपनी के अधिकारी मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक आरोपी वहां से फरार हो चुके थे।

पुलिस ने शुरू की जांच, जल्द होगी कार्रवाई

मुखानी थानाध्यक्ष विजय मेहता ने बताया कि घटना की जांच शुरू कर दी गई है और जल्द ही आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। पुलिस टीम आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास कर रही है।

डर के कारण ठप हुआ सीवरेज प्रोजेक्ट

इस घटना के बाद कंपनी के मजदूरों में दहशत फैल गई है। महाप्रबंधक सचिन यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित इस महत्वाकांक्षी परियोजना की मॉनिटरिंग भारत सरकार द्वारा की जाती है, लेकिन इस घटना के बाद मजदूरों ने डर के कारण काम करने से इनकार कर दिया है।

इसके अलावा, हमले में क्षतिग्रस्त हुए वाहन भी अब काम करने की स्थिति में नहीं बचे हैं। इस वजह से हल्द्वानी शहर में सीवरेज का काम पूरी तरह ठप हो गया है। कंपनी प्रबंधन ने प्रशासन से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि मजदूर बिना किसी डर के अपने काम पर लौट सकें।

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