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देहरादून। इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना में देहरादून में एक मामा ने अपने ही दो साल के भांजे को महज दो लाख रुपये के लालच में बेच दिया। पुलिस की सतर्कता और गहन जांच के बाद अपहृत बच्चे को बरामद कर लिया गया है और इस अपराध में शामिल गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है।

शिकायत से खुला मामला
2 जनवरी 2024 को यमुना कॉलोनी में रहने वाली रीना ने पुलिस को शिकायत दी कि उसके दो बेटे, आकाश (5 साल) और विकास (2 साल), गायब हो गए हैं। पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि रीना के घर पर राकेश नामक व्यक्ति का आना-जाना था, जो घटना के बाद से फरार था।

रीना को बहलाकर ले गया आरोपी
रीना मानसिक रूप से कमजोर है। पुलिस जांच में पता चला कि राकेश और एक अन्य महिला ने रीना को उसके बच्चों सहित बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गए। बाद में राकेश ने रीना को बिजनौर स्थित उसके गांव छोड़ दिया और खुद फरार हो गया।

गिरोह का पर्दाफाश और गिरफ्तारी
पुलिस ने जांच के दौरान उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों में छापेमारी कर राकेश, तानिया, प्रियंका, और सेंटी नाम के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि राकेश देहरादून में सफाई का काम करता था और उसने अपने साथी राहुल व तानिया के साथ मिलकर बच्चे को बेचने की योजना बनाई थी।

दो लाख रुपये में हुआ सौदा
राकेश ने बताया कि तानिया ने उसे बताया था कि धामपुर में प्रियंका नाम की महिला को एक बच्चे की जरूरत है। इसके बदले उन्हें अच्छा पैसा मिल सकता है। इसके बाद राकेश ने अपनी मामा की मानसिक रूप से कमजोर बेटी रीना के दो साल के बेटे को 16 दिसंबर 2024 को प्रियंका और सेंटी को दो लाख रुपये में बेच दिया।

पुलिस ने बच्चे को सुरक्षित बचाया
रीना की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई तेज की। पकड़े जाने के डर से राकेश ने रीना के बड़े बेटे आकाश को यमुना कॉलोनी में उसके घर के पास छोड़ दिया और खुद अमरोहा में राहुल की बुआ के घर जाकर छिप गया।

सामाजिक चेतना पर सवाल
यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि समाज के नैतिक पतन को भी उजागर करती है। पुलिस की मुस्तैदी से बच्चा सही सलामत वापस आ गया, लेकिन यह घटना समाज के लिए एक कड़ा संदेश है।

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