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तेज बुखार और सांस लेने में तकलीफ से शुरू हुआ संक्रमण
दून अस्पताल में इन्फ्लुएंजा-ए वायरस का पहला मामला सामने आया है। मरीज तेज बुखार, खांसी, जुकाम और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याओं से जूझ रहा था। हालत बिगड़ने पर चिकित्सकों ने आरटीपीसीआर जांच कराई, जिसमें इन्फ्लुएंजा-ए संक्रमण की पुष्टि हुई। मरीज को गंभीर स्थिति में अस्पताल के आईसीयू में वेंटिलेटरी सपोर्ट पर रखा गया है।

बच्चों और बुजुर्गों पर संक्रमण का अधिक खतरा
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि इन्फ्लुएंजा-ए संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों और 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों में इसका खतरा अधिक होता है। अस्पताल में भर्ती मरीज की उम्र 17 वर्ष है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह संक्रमण युवा वर्ग को भी प्रभावित कर सकता है।

दिल्ली में उपचार के दौरान संक्रमण की आशंका
सूत्रों के अनुसार, मरीज हाल ही में दिल्ली के एक अस्पताल में किसी अन्य बीमारी का उपचार करा रहा था। दवाई लेने के लिए वह वहां गया था, जहां उसके संक्रमित होने की संभावना जताई जा रही है।

प्राथमिक लक्षणों को नजरअंदाज न करें
डॉ. अशोक ने बताया कि तेज बुखार, खांसी और जुकाम इन्फ्लुएंजा-ए संक्रमण के शुरुआती लक्षण हैं। इन लक्षणों को नजरअंदाज करना गंभीर हो सकता है। संक्रमण से बचाव के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखना और बाहर निकलते समय मास्क पहनना जरूरी है।

अस्पताल प्रबंधन हुआ सतर्क, तैयारियां तेज
इन्फ्लुएंजा-ए का मामला सामने आने के बाद दून अस्पताल प्रबंधन सतर्क हो गया है। संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए आठ बेड और एक विशेष आईसीयू तैयार किया गया है। आइसोलेशन वार्ड में सभी आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा अस्पताल में साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

संक्रमण से बचाव के उपाय किए जा रहे हैं
अस्पताल प्रबंधन ने संक्रमण रोकने के लिए व्यापक कदम उठाए हैं। मरीजों और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए तकनीकी और मानवीय संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लें और संक्रमण से बचने के उपाय अपनाएं।

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