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छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के एक सरकारी आवासीय विद्यालय में 11वीं कक्षा की छात्रा द्वारा प्रीमैच्योर बच्ची को जन्म देने का मामला सामने आया है। इस घटना के बाद स्कूल की अधीक्षक को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। एक अधिकारी ने बुधवार को इस घटना की पुष्टि की।

घटना का विवरण:
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय, पोड़ी गांव में संचालित इस छात्रावास में मंगलवार को यह मामला उस समय प्रकाश में आया जब अधीक्षक जय कुमारी रात्रे को सूचना मिली कि 17 वर्षीय छात्रा की तबीयत खराब है। छात्रावास की अन्य छात्राओं ने बताया कि वह सोमवार देर रात से उल्टी कर रही थी।

अधीक्षक के अनुसार, नवजात बच्ची के रोने की आवाज सुनाई देने के बाद परिसर में तलाश की गई, जहां बच्ची शौचालय के पास मिली। बाद में छात्रा ने अस्पताल में स्वीकार किया कि उसने बच्ची को सोमवार रात जन्म दिया और शौचालय की खिड़की से बाहर फेंक दिया।

नवजात और छात्रा की स्थिति:
कोरबा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के बाल चिकित्सक डॉ. राकेश वर्मा ने बताया कि नवजात को गंभीर नवजात शिशु देखभाल वार्ड (SNCU) में भर्ती कराया गया है। बच्ची के बाएं फेफड़े पर चोट के निशान हैं और उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।

प्रशासन की कार्रवाई:
कोरबा के जिलाधिकारी अजीत वसंत ने इस मामले में अधीक्षक को निलंबित कर दिया है। उन्होंने कहा कि अधीक्षक की लापरवाही के कारण छात्रा की गर्भावस्था का पता नहीं चल सका। इसके अलावा, स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग को मामले की गहन जांच के आदेश दिए गए हैं।

प्रश्न उठते हैं:
यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि छात्रावास में रहने वाली अन्य छात्राओं की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य पर भी सवाल खड़े करती है। प्रशासन ने इस घटना के बाद मामले की जांच शुरू कर दी है।

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