अल्मोड़ा जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन और छोटा राजन के करीबी प्रकाश पांडे उर्फ पीपी पांडे को जूना अखाड़ा का महंत बनाए जाने का मामला तेजी से विवाद का केंद्र बनता जा रहा है। हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुई खबरों के अनुसार, पीपी पांडे को अल्मोड़ा जेल के अंदर ही गुरु दीक्षा देकर श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा का महंत बना दिया गया है। साथ ही, उसे कई मंदिरों का मुख्य महंत नियुक्त करने का दावा भी किया गया है।
इस खबर ने जूना अखाड़े के भीतर ही भारी हड़कंप मचा दिया है। अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरी महाराज ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पूरे प्रकरण की जांच के लिए सात सदस्यीय समिति गठित करने का निर्णय लिया है। हरिगिरी महाराज ने स्पष्ट किया है कि जूना अखाड़े ने न तो पीपी पांडे को महंत बनाया है और न ही महामंडलेश्वर का दर्जा दिया है।
अगर किसी व्यक्ति ने निजी स्वार्थ या लालच में आकर यह कदम उठाया है, तो उस पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।प्रकाश पांडे, जो पहले छोटा राजन का सबसे करीबी माना जाता था, फिलहाल अल्मोड़ा जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। कुछ माह पहले ही उसे हरिद्वार जेल से अल्मोड़ा जेल में स्थानांतरित किया गया था। अब यह मामला तब और गंभीर हो गया जब यह खबर सामने आई कि उसे जेल के भीतर ही महंत की उपाधि दी गई है।श्रीमहंत हरिगिरी ने इस घटना की जांच को प्राथमिकता देते हुए कहा है कि यदि अखाड़े के किसी सदस्य ने इसमें भूमिका निभाई है, तो उसे अखाड़े से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि महंत या महामंडलेश्वर बनाए जाने की एक विधिवत प्रक्रिया होती है, जो केवल कुंभ में पूरी की जाती है। जूना अखाड़े के सचिव ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अखाड़े ने पीपी पांडे को महामंडलेश्वर बनाने की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है।
संभव है कि किसी व्यक्तिगत बाबा ने उसे चेला बनाया हो, लेकिन इस प्रकार की घटनाओं को लेकर जांच समिति का गठन कर दिया गया है, और जांच के बाद ही दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।यह मामला अब तेजी से राजनीतिक और धार्मिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है, और जूना अखाड़े की प्रतिष्ठा पर भी सवाल उठने लगे हैं।
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