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देहरादून के राजपुर रोड स्थित बहल चौक के निवासियों ने इलाके की शराब दुकान में ओपन बार चलाने की शिकायत की थी। महिलाओं और बुजुर्गों ने जनसुनवाई में बताया कि ओपल लॉज बिल्डिंग में संचालित शराब की दुकान के बाहर खुले में शराब पिलाई जा रही है, जिससे महिलाओं और युवतियों का वहां से गुजरना मुश्किल हो गया है। शिकायतों के बाद प्रशासन और आबकारी विभाग के बीच इस मामले में टकराव की स्थिति बन गई है। जिला प्रशासन ने जांच के लिए एसडीएम सदर को जिम्मेदारी सौंपी। जांच में पाया गया कि विदेशी शराब की लाइसेंसी दुकान “दी लीकर हब”न केवल शराब बेच रही थी, बल्कि उसके आसपास अवैध दुकानें और खोखे भी शराब सेवन से संबंधित सामान बेच रहे थे। इसके अलावा, बिल्डिंग के बेसमेंट में अवैध रूप से बार संचालित हो रहा था। वहां बड़ी मात्रा में शराब की बोतलें और गिलास भी पाए गए। जांच रिपोर्ट के आधार पर डीएम सविन बंसल ने कार्रवाई करते हुए शराब ठेके के खिलाफ पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया और ठेके का लाइसेंस 15 दिन के लिए निलंबित कर दिया। लेकिन इसी बीच आबकारी आयुक्त हरिचंद सेमवाल ने निलंबन आदेश पर स्टे जारी करते हुए दुकान को फिर से खोलने का निर्देश दे दिया, जिससे दोनों अधिकारियों के बीच टकराव और गहरा गया। डीएम सविन बंसल ने आबकारी आयुक्त के स्टे आदेश पर आपत्ति जताई और उनसे इस आदेश की कानूनी आधार पर सफाई मांगी। उन्होंने पूछा कि निलंबन के आदेश को रद्द करने में कौन-सी धारा या नियम का हवाला दिया गया है। डीएम का कहना है कि जांच में अवैध गतिविधियों की पुष्टि हो चुकी है, ऐसे में स्टे आदेश पर सवाल उठना लाज़िमी है। स्टे आदेश के बाद स्थानीय निवासियों ने भी इसका कड़ा विरोध किया और डीएम से दुकान को दोबारा न खुलने देने की मांग की। डीएम ने स्पष्ट कर दिया कि निलंबन अवधि में दुकान को खोलने की इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा, “आबकारी आयुक्त ने स्टे आदेश क्यों जारी किया, इसकी वजह स्पष्ट होनी चाहिए।” इस मामले को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश है और वे लगातार प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। फिलहाल, डीएम के निर्देश के अनुसार, शराब की दुकान को निलंबन अवधि के दौरान बंद रखा जाएगा।

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