नई दिल्ली। उत्तराखंड के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी केवल खुराना का रविवार को निधन हो गया। वह कैंसर से लंबे समय से जूझ रहे थे और दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। 2004 बैच के आईपीएस अधिकारी केवल खुराना की गिनती प्रदेश के तेज-तर्रार और निपुण अधिकारियों में की जाती थी। उनके निधन से पुलिस विभाग और प्रशासनिक तंत्र को अपूरणीय क्षति हुई है।

हरिद्वार और देहरादून के एसएसपी रहे

केवल खुराना उत्तराखंड के कई महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रहे। उन्होंने हरिद्वार और देहरादून में एसएसपी के रूप में अपनी सेवाएं दीं। उनके कार्यकाल में उन्होंने अपराध नियंत्रण और यातायात व्यवस्था को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पुलिस महकमे में उनकी कर्तव्यनिष्ठा और अनुशासन की मिसाल दी जाती थी।

मुख्यमंत्री और डीजीपी ने जताया शोक

आईपीएस केवल खुराना के असामयिक निधन पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, डीजीपी सहित पुलिस और प्रशासन के तमाम अधिकारियों ने गहरा शोक व्यक्त किया। उनके परिवार, सहयोगियों और शुभचिंतकों के बीच दुख का माहौल है।

अंतिम दर्शन के लिए पुलिस कॉलोनी में रखा जाएगा पार्थिव शरीर

अंतिम दर्शनों के लिए उनका पार्थिव शरीर पुलिस ऑफिसर्स कॉलोनी, किशन नगर में लाया जाएगा। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी कई जिलों में एसपी, एसएसपी, निदेशक यातायात और होमगार्ड जैसे महत्वपूर्ण पदों पर अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते रहे। वर्तमान में वह आईजी ट्रेनिंग के पद पर कार्यरत थे, लेकिन स्वास्थ्य खराब होने के कारण वह उपचाराधीन थे।

कैंसर से लड़ते हुए ली अंतिम सांस

पिछले कुछ समय से केवल खुराना कैंसर से जूझ रहे थे और उनका इलाज दिल्ली के मैक्स अस्पताल में चल रहा था। उनकी स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही थी, और अंततः रविवार को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके निधन की खबर से पुलिस महकमे में शोक की लहर दौड़ गई।

साहित्य और संगीत में भी थी रुचि

केवल खुराना न केवल एक कुशल अधिकारी थे, बल्कि साहित्य और संगीत में भी गहरी रुचि रखते थे। वह एक उम्दा गजल गायक के रूप में भी जाने जाते थे और अपने इस शौक के कारण कई बार चर्चा में रहे। उनकी बहुआयामी प्रतिभा उन्हें अन्य अधिकारियों से अलग बनाती थी।

यातायात सुधार के लिए मिले थे कई पुरस्कार

आईपीएस केवल खुराना उत्तराखंड के पहले यातायात निदेशक भी बने थे। इस दौरान उन्होंने लगभग चार वर्षों तक इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। उन्होंने ‘ट्रैफिक ऑय’ एप लॉन्च करवाने और यातायात सुधार के लिए कई प्रभावी कदम उठाए। उनके प्रयासों के लिए उन्हें फिक्की की ओर से विशेष पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया था।

केवल खुराना की निधन से उत्तराखंड पुलिस और प्रशासन को अपूरणीय क्षति हुई है। उनकी कर्तव्यपरायणता और अनुशासन हमेशा याद किए जाएंगे।

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