खबर हरिद्वार से है।ओवरऑल स्वच्छता सर्वेक्षण में हरिद्वार के देशभर के 382 शहरों में 330वें पायदान और गंगा टॉउन श्रेणी में 75 शहरों में पहले नंबर पर आने की कहानी शहर के लोगों केे गले नहीं उतर रही है। जी हाँ यही सत्य है की ओवरऑल स्वच्छता सर्वेक्षण की रैकिंग शहर की सफाई व्यवस्था की पोल खोल रही है। वहीं, गंगा टाउन श्रेणी के सर्वेक्षण के झोल पर सवाल खड़े होने लगे हैं।
स्वच्छ गंगा शहर की श्रेणी में प्रथम स्थान पर है हरिद्वार
आपको बता दें की स्वच्छ गंगा शहर की श्रेणी में प्रथम स्थान पर आने पर शनिवार को ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पुरस्कार दिया है। पुरस्कार शहरी विकास मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल, मेयर अनीता शर्मा, डीएम विनय शंकर पांडेय और मुख्य नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती ने प्राप्त किया। पुरस्कार तो ले लिया गया लेकिन अगर स्वच्छता की बात करें तो शहर से प्रतिदिन करीब 220 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। गंगा स्नान पर्व और अन्य मेलों के दौरान रोजाना 1200 मीट्रिक टन तक कूड़ा हो जाता है। कूड़े के निस्तारण के लिए ट्रंचिंग ग्राउंड सराय में ट्रीटमेंट प्लांट लगा है। वहां भी कूड़े के पहाड़ खड़े हैं।
ओवरऑल रैंकिंग में कागजी कार्रवाई पूरी ना होने के कारण पिछड़ा हरिद्वार
वही जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय का फोन रविवार को बंद रहा। सिटी मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि गंगा टाउन श्रेणी में प्रथम पुरस्कार को लेकर वह कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। सितंबर महीने में उन्होंने शहर और गंगा घाटों का सफाई व्यवस्था देखने के लिए निरीक्षण किया था। शहर में कूड़े के ढेर और नालियां चोक मिली थी। लोगों ने नियमित रूप से कूड़ा उठान नहीं होने की शिकायत की थी। इस संबंध में नगर आयुक्त को उनकी ओर से पत्र भी जारी किया था। मुख्य नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती ने बताया कि सफाई व्यवस्था में हरिद्वार को पहला स्थान मिला है। लेकिन ओवरऑल रैकिंग में कागजी औपचारिकताएं पूरी नहीं कर पाने से पिछड़ गए। ओडीएफ और सिटीजन फीड बैक को वेबसाइट पर अपलोड नहीं कर पाए, जिससे रैंकिंग में हरिद्वारके नंबर कट गए। नोडल अधिकारी से इसके लिए स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है।
गंगाटाउन श्रेणी का इन बिंदुओं पर किया गया सर्वेक्षण
घाटों और उसके आसपास की सफाई व्यवस्था कैसी है
- घाटों पर कहीं खुले स्थानों पर कूड़ा तो नहीं फेंका जाता है
- क्या घाटों पर कूड़े के लिए डस्टबिन लगे हैं
- गंगा किनारे आबादी ओडीएफ है या नहीं
- गंगा में सीवरेज तो नहीं गिरता है
- घाटों पर कूड़ा प्रबंधन पर लोगों को जागरूक किया जाता है
ओवरआल स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए मुख्य बातें
डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था- कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था
- शहर के लोगों की सफाई को लेकर फीडबैक
- कूड़े का सेग्रिगेशन व्यवस्था
- खुले में शौच मुक्त की व्यवस्था
- प्लास्टिक के प्रयोग पर प्रतिबंध
- कूड़ेदान की व्यवस्था
- ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर नवाचार प्रयोग
- संचार द्वारा स्वच्छता का प्रचार
- सार्वजनिक एवं सामुदायिक शौचालय
बता दें की मेयर अनीता शर्मा ने कहा की हरिद्वार में गंगा घाटों और शहर की सफाई व्यवस्था में काफी सुधार है। गंगा घाटों में सुबह-शाम कूड़ा उठाया जाता है। श्रद्धालुओं को कूड़े के प्रति जागरूक भी किया जाता है। गार्बेज फ्री के तहत ट्रांसफर स्टेशन बनाए गए हैं। इसी का नतीजा है कि पहली बार हरिद्वार को गंगा टाउन श्रेणी में प्रथम स्थान मिला और राष्ट्रपति ने अवॉर्ड दिया है। ओवरऑल स्वच्छता रैंकिंग में सुधार करने के लिए आगे प्रयास किए जाएंगे। कहां क्या कमी रह गई समीक्षा की जाएगी।