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श्रावण मास के कांवड़ मेले में शिवभक्त कांवड़ यात्री गंगा जल लेने लगातार हरिद्वार पहुंच रहे हैं। एक ओर जहां कांवड़ तीर्थ यात्री अपनी वेषभूषा से मन मोह रहे हैं वहीं कांवड़ मेले में कांवड़ के विविध रंग नजर आ रहे हैं। वहीं दो दिनों में हरिद्वार से गंगाजल लेकर रवाना होने वाले कांवड़ तीर्थ यात्रियों की कुल संख्या छह लाख 40 हजार हो गई है।

श्रावण मास के कांवड़ मेले में शिवभक्त कांवड़ यात्री गंगा जल लेने लगातार हरिद्वार पहुंच रहे हैं। मेले के दूसरे दिन मंगलवार को भी इनकी वापसी का क्रम जारी रहा। करीब चार लाख कांवड़िए जल के लिए हरिद्वार से रवाना हुए।

दो दिनों में हरिद्वार से गंगाजल लेकर रवाना होने वाले कांवड़ तीर्थ यात्रियों की कुल संख्या छह लाख 40 हजार हो गई है। हरकी पैड़ी और आसपास के सभी घाटों पर पैरों में घुंघरू बांधे बम-बम भोले के जयकारे लगाते शिवभक्तों की भीड़ दिखाई दे रही है।

कांवड़ के विविध रंग।

एक ओर जहां कांवड़ तीर्थ यात्री अपनी वेषभूषा से मन मोह रहे हैं, वहीं कांवड़ मेले में कांवड़ के विविध रंग नजर आ रहे हैं। हरिद्वार से गंगाजल लेकर दिल्ली के लिए रवाना हुई नोटों से सजी कांवड़ सबके आकर्षण का केंद्र रही। दिल्ली के कांवड़ यात्रियों का एक समूह 50 रुपये के नोटों से सजी कांवड़ में गंगाजल भरकर दिल्ली के लिए रवाना हुआ।

इस समूह में शामिल मोनू ने बताया कि वे हर वर्ष कांवड़ लेने हरिद्वार आते हैं। पिछले वर्ष वे 20 रुपये के नोटों से सजी कांवड़ लेकर गए थे। जिसमें कुल 36 हजार रुपये लगे थे। इस बार 50 रुपये के नोटों से कांवड़ को सजाकर ले जा रहे हैं। जिसमें 55 हजार रुपये लगे हैं।

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उन्होंने बताया कि कांवड़ में लगे नोटों को भंडारे व अन्य धार्मिक आयोजनों पर खर्च करेंगे। इसके अलावा कई अन्य आकर्षक कांवड़ ने अपनी ओर सभी का ध्यान आकर्षित किया। वहीं, कांवड़ मेले की व्यवस्था को परखने के लिए एसएसपी प्रेमेंद्र डोबाल ने हरकी पैड़ी पर संध्याकालीन आरती के समय अपनी टीम के साथ पैदल गंगा घाट से लेकर हाईवे तक निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

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