ज्वालापुर स्थित तहसील में दहरादून से आई विजिलेंस की टीम की छापेमारी से अफरातफरी मच गई। टीम ने रिश्वत लेते हुए कानूनगो को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ धर दबोचा। बंद कमरे में रजिस्ट्रार कानूनगो और उसके दो अन्य साथी से भी पूछ्ताछ की गई। ऐसा बताया जा रहा है कि तीनों तहसील कर्मी किसी से काम करने के लिए एवज में रिश्वत मांगते थे।
विजिलेंस को किसी व्यक्ति ने शिकायत की थी कि तहसील में तैनात रजिस्ट्रार कानूनगो राजेश मारवा किसी काम को कराने के लिए एवज से रिश्वत की मांग कर रहा है और रिश्वत ना देने के कारण वह काम भी नहीं कर रहा है। शिकायतकर्ता के आधार पर शनिवार दोपहर करीबन 3:00 बजे विजिलेंस इंस्पेक्टर विभा वर्मा टीम के साथ तहसील पहुंची और वहाँ रुपए लेकर शिकायतकर्ता को रजिस्ट्रार कानूनगो के पास भेजा।
ऐसा बताया जा रहा है कि वहाँ पर रजिस्ट्रार कानूनगो के अलावा दो और तहसील कर्मी मौजूद थे। पीड़ित ने काम कराने के अवाज में उन्हें जैसे ही ₹2800 सौंपे, विजिलेंस टीम ने आरोपी रजिस्ट्रार कानूनगो को धर दबोचा। उसके साथ दो अन्य तहसील कर्मियों से भी कमरा बंद करके पूछ्ताछ की गई। टीम आरोपी रजिस्ट्रार कानूनगो को अपने साथ देहरादून ले गई। कार्रवाई से पूरे तहसील प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
तहसीलदार दायराराम ने बताया कि वह लालढांग क्षेत्र के दौरे पर थे। उन्हें सूचना मिली की किसी तहसील कर्मी को विजिलेंस विभाग की टीम ने रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। तहसील पहुँचकर ही वे इस संबंध में ज्यादा कुछ जानकारी दे पाएंगे। इधर, एसडीएम पूरण सिंह राणा ने बताया कि रजिस्ट्रार, कानूनगो को विभागीय कार्रवाई के तहत निलंबित करने की कार्रवाई की जाएगी। तहसील में पूरी पारदर्शिता और शुचिता से कार्य हो सके इसलिए सभी को आगाह किया गया है। एसपी विजिलेंस धीरेंद्र गुंज्याल ने टीम को 5हजार का इनाम भी दिया है।