हरिद्वार(Haridwar)के मोरातारा ज्वैलर्स शोरूम( Jewelery showroom) में घटना को अंजाम देने के बाद बदमाशों ने घटनास्थल तक आने और जाने के लिए अलग-अलग रास्तों का सहारा लिया। डकैती की घटना के बाद जब पुलिस(Police ) सतर्क हुई तो आरोपियों ने प्रदेश की सीमा पार करने के लिए एंबुलेंस(Ambulance) का सहारा लिया। वहीं,बताया जा रहा है कि गैंग(Gang) के सभी सदस्य अलग-अलग होने की तैयारी कर रहे थे। यदि सूचना के बाद पुलिस को पहुंचने में थोड़ी भी देर हो गई होती तो वे पुलिस पकड़ से बहुत दूर जा चुके होते।
वहीं,ज्वालापुर कोतवाली(Jwalapur kotwali) क्षेत्र के शंकर आश्रम स्थित मोरातारा ज्वैलर्स शोरूम में घटना करने वाले बुलंदशहर के इंद्रपाल उर्फ ताऊ गैंग(Gang) के सदस्यों ने रुड़की(Rurki) से हरिद्वार(Haridwar)आने के लिए अलग-अलग रास्तों का इस्तेमाल किया। वहीं डकैती डालने के बाद भी बदमाश अलग-अलग रास्तों से वापस रुड़की पहुंचे और यहां पर जिला पंचायत के गेस्ट हाउस(Guest house) में रुके। वहीं डकैती की घटना के बाद पुलिस चौकन्नी हुई और दूसरे प्रदेशों की पुलिस को भी डकैती के बारे में जानकारी दी गई।
बता दें कि, पुलिस के चौकस होने के बाद आरोपियों को प्रदेश की सीमा पार करने में परेशानी आ रही थी। इसके चलते एक एंबुलेंस(Embulance) को मेरठ तक के लिए बुलाया गया। इसके बाद एक बदमाश को मरीज बनाकर लेटाया गया। वहीं बाकी बदमाश तीमारदार बनकर उसके साथ प्रदेश की सीमा से बाहर निकालकर यूपी में घुस गए।
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वहीं,पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने द्वारा बताया गया है कि वे घटनास्थल पर आने व जाने के लिए बस, बाइक और ऑॅटो का इस्तेमाल करते थे ताकि पुलिस की पकड़ में न आ सकें। उन्होंने बताया कि घटना के बाद पुलिस कारों की तलाशी ज्यादा लेती है, इसलिए वे सार्वजनिक और आपाताकालीन परिवहन वाहनों का इस्तेमाल करते थे.घटना से पहले बदमाश अपने फोन बंद कर देते थे ताकि पुलिस उनके मोबाइल( Mobile) के जरिए उन तक न पहुंच जाए। इसके साथ ही सभी घटना के वक्त खतरनाक हथियारों से लैस होते थे।
दिल्ली(Delhi) की सबसे भीड़भाड़ वाली मार्केट(Market) लाजपतनगर में भी ताऊ गैंग(Gang) घटना को अंजाम दे चुका है। यहां पर गैंग(Gang) ने करोड़ों रुपये की डकैती डाली थी। डकैती डालने के बद सतीश दूसरे प्रदेशों में भाग जाता था। गैंग आगरा, मथुरा, दिल्ली, फरीदाबाद, हरियाणा, सूरत और गुजरात में लूट व डकैती की घटना को अंजाम दे चुका है। आपको बता दें कि सतीश चौधरी अपने गिरोह के सदस्यों को कहता था कि यदि कोई पुलिस(Police) वाला पकड़ें तो बोल देना कि ताऊ गैंग का सदस्य हूं।
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