Demo

देहरादून: उत्तराखंड में हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर सशक्त भू कानून और 1950 को आधार मानते हुए मूल निवास की मांग को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) ने आज राजधानी में जोरदार प्रदर्शन किया। राज्य के विभिन्न जिलों से आए यूकेडी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं और नेताओं ने ‘तांडव रैली’ निकालते हुए मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच किया। हालांकि, पुलिस ने बैरिकेडिंग कर उन्हें रोक दिया, जिसके बाद सड़कों पर जमकर नारेबाजी और धक्का-मुक्की हुई।

रैली की शुरुआत और प्रदर्शन:

यूकेडी कार्यकर्ता सुबह परेड ग्राउंड में एकत्रित हुए, जहां से उन्होंने रैली की शुरुआत की। रैली दिलाराम चौक और हाथी बड़कला होते हुए मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ रही थी। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए कड़ी बैरिकेडिंग की थी, जिसके चलते रैली को बीच में ही रोकना पड़ा। लेकिन कार्यकर्ताओं ने वहीं पर प्रदर्शन जारी रखा और भू कानून व मूल निवास 1950 की मांग करते हुए जोरदार नारेबाजी की।

यूकेडी की मांगें:

उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय उपाध्यक्ष जयप्रकाश उपाध्याय ने रैली का नेतृत्व करते हुए कहा कि राज्य में भी हिमाचल की तरह सशक्त भू कानून लागू होना चाहिए, ताकि राज्य की जमीनों को भू माफियाओं से बचाया जा सके। उपाध्याय ने कहा, “1950 को आधार मानकर मूल निवास की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए। यह राज्य के लोगों का हक है, जिसे सरकार ने नजरअंदाज किया है।” उन्होंने राज्य में भू माफियाओं द्वारा जमीनों पर कब्जा करने और जंगलों व प्राकृतिक संसाधनों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की। उपाध्याय ने आगे कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल ने राज्य के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, लेकिन आज राज्य की दुर्दशा हो गई है। राष्ट्रीय दलों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि इन दलों ने राज्य को कमजोर किया है और अब उत्तराखंड को बचाने के लिए सशक्त भू कानून और 1950 का मूल निवास लागू करना अनिवार्य हो गया है।

पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी नोकझोंक:

रैली के दौरान पुलिस और यूकेडी कार्यकर्ताओं के बीच कई बार नोकझोंक हुई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बैरिकेड्स लगाए थे, लेकिन यूकेडी कार्यकर्ताओं ने आगे बढ़ने की कोशिश की। इससे दोनों पक्षों के बीच धक्का-मुक्की हुई। पुलिस ने किसी तरह स्थिति को नियंत्रित किया, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने वहीं सड़क पर धरना देकर अपनी मांगों को उठाया।

यूकेडी का संकल्प:

उत्तराखंड क्रांति दल ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे शांत नहीं बैठेंगे। जयप्रकाश उपाध्याय ने कहा कि यह लड़ाई केवल जमीन और निवास की नहीं, बल्कि राज्य के अस्तित्व और उसकी पहचान की है। यूकेडी ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि जल्द से जल्द उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे और भी बड़े आंदोलन की योजना बनाएंगे। इस लेख को अब आप स्वतंत्र रूप से उपयोग कर सकते हैं, इसमें कोई कॉपीराइट समस्या नहीं होगी!

यह भी पढें- ऋषिकेश: 29 अक्टूबर को शुरू होगी एम्स की हेली एंबुलेंस सेवा, प्रधानमंत्री मोदी करेंगे वर्चुअल उद्घाटन

Share.
Leave A Reply