हरिद्वार के कनखल थाना क्षेत्र स्थित आश्रम के संत महंत गोविंद दास की रहस्यमयी गुमशुदगी का पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। आश्रम की संपत्ति पर कब्जा जमाने के लिए उनके शिष्य और साथियों ने उनकी नृशंस हत्या कर दी थी। चारों आरोपियों ने महंत की गला घोंटकर हत्या करने के बाद शव को गंगा में फेंक दिया। फिलहाल, महंत का शव बरामद नहीं हो पाया है।
आश्रम की संपत्ति हथियाने की साजिश में हुई हत्या
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने शनिवार को रोशनाबाद पुलिस मुख्यालय में मामले का खुलासा करते हुए बताया कि शिष्य अशोक कुमार (निवासी शाहदरा, दिल्ली) ने अन्य तीन आरोपियों के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची थी। 1 जून 2024 को आरोपियों ने महंत गोविंद दास को नशे का इंजेक्शन देकर बेहोश किया और फिर गला घोंटकर उनकी जान ले ली। शव को कट्टे में डालकर स्कूटी के जरिए बैरागी कैंप क्षेत्र में गंगा नदी में फेंका गया।
फर्जी बाबा बनाकर आश्रम पर कब्जे का प्रयास
हत्या के बाद आरोपी राम गोपाल नाथ उर्फ गोपाल सिंह (निवासी कानपुर) को पैसों का लालच देकर आश्रम में नया महंत बना दिया गया। जब भी लोग महंत गोविंद दास के बारे में पूछते, राम गोपाल नाथ उन्हें “धर्म प्रचार के लिए अयोध्या गए हैं” कहकर गुमराह करता रहा।
10 करोड़ में संपत्ति बेचने की रची साजिश
आरोपी शिष्य अशोक कुमार ने अपने साथियों ललित (निवासी करनाल) और संजीव कुमार त्यागी (निवासी मंगलौर) के साथ मिलकर आश्रम की संपत्ति को बेचने की योजना बनाई। संजीव कुमार ने फर्जी वसीयतनामा तैयार कर महंत के हस्ताक्षरों की नकल की और लगभग 10 करोड़ रुपये में संपत्ति बेचने का सौदा तय कर लिया था।
पुलिस टीम की सराहना और इनाम की घोषणा
महंत गोविंद दास की गुमशुदगी की जांच के दौरान पुलिस को यह भी पता चला कि जून 2024 से आश्रम में एक नया बाबा सक्रिय है, जिसे पहले किसी ने नहीं देखा था। जब राम गोपाल नाथ से कड़ी पूछताछ की गई, तो पूरा षड्यंत्र उजागर हो गया। मामले का खुलासा करने वाली पुलिस टीम की सराहना करते हुए एसएसपी ने उन्हें पाँच हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है।
गौरतलब है कि घटना से जुड़े सभी चारों आरोपी पुलिस की हिरासत में हैं, लेकिन महंत गोविंद दास का शव अब तक नहीं मिला है।
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