देहरादून: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई को राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित बताते हुए इसे चुनावी साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि ईडी हर बार उनके खिलाफ तब सक्रिय होती है, जब प्रदेश में चुनाव नजदीक होते हैं।

हरक सिंह रावत ने कहा कि पाखरो टाइगर रिजर्व प्रकरण से उनका कोई संबंध नहीं है, लेकिन आज भी उन्हें इस मामले में निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में केवल उन्हें टारगेट करना गलत है, जबकि इसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव वन, प्रमुख वन संरक्षक और अन्य अधिकारियों की भी भूमिका थी।

उन्होंने सवाल उठाया कि फाइल प्रक्रिया में कई लोग शामिल होते हैं, फिर केवल वन मंत्री को ही क्यों दोषी ठहराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

“चुनाव के समय ही ईडी की कार्रवाई क्यों?”
हरक सिंह रावत ने आरोप लगाया कि हर बार चुनाव के दौरान उन्हें और उनके परिवार को ईडी के जरिए परेशान किया जाता है। उन्होंने कहा कि यदि वह हरिद्वार से लोकसभा चुनाव लड़ते तो एक लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज करते, और इसका असर पौड़ी सीट पर भी पड़ता।

उन्होंने कहा कि केदारनाथ उपचुनाव में भी उन्हें रोकने के लिए ईडी का सहारा लिया गया। उन्होंने झारखंड और दिल्ली के मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि ईडी को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से फटकार लग चुकी है।

“मेरे पास सभी दस्तावेज हैं, कुछ गलत नहीं किया”
हरक सिंह रावत ने सहसपुर जमीन घोटाले के मामले में कहा कि उनके पास सभी कानूनी दस्तावेज हैं और उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। उन्होंने बताया कि सहसपुर में 101 बीघा जमीन उनकी पत्नी दीप्ति रावत और करीबी लक्ष्मी राणा के नाम पर खरीदी गई थी, जिस पर पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के तहत दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस का निर्माण हुआ।

उन्होंने कहा कि यह संस्थान उनके बेटे तुषित रावत द्वारा संचालित है और इसमें कुछ भी गैरकानूनी नहीं है।

पूर्व मुख्यमंत्रियों पर साधा निशाना
हरक सिंह रावत ने पूर्व मुख्यमंत्रियों डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक और हरीश रावत पर भी तीखे आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने पावर प्रोजेक्ट से संबंधित मुद्दे उठाए, तो निशंक ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इसके बाद हरीश रावत ने भी उन्हें टेढ़ी नजरों से देखना शुरू कर दिया।

उन्होंने कहा कि उनके राजनीतिक जीवन में कई बार साजिशों के तहत उन्हें निशाना बनाया गया, लेकिन उन्होंने हमेशा ईमानदारी से काम किया है।

ईडी की कार्रवाई: 70 करोड़ की संपत्ति अटैच
गौरतलब है कि हाल ही में ईडी ने हरक सिंह रावत की सहसपुर क्षेत्र में 101 बीघा जमीन, जिसकी कीमत लगभग 70 करोड़ रुपये है, को अटैच कर दिया। रावत ने कहा कि वह पहले भी मीडिया के सामने सभी दस्तावेज पेश कर चुके हैं और अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से न्याय की उम्मीद करेंगे।

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