हल्द्वानी के डाक विभाग में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने का मामला सामने आया है। लालकुआं क्षेत्र की एक युवती ने हाईस्कूल की फर्जी मार्कशीट का इस्तेमाल कर देवलचौड़ शाखा डाकघर में ब्रांच पोस्टमास्टर के पद पर चयन हासिल किया था। हालांकि, दस्तावेजों की जांच के दौरान यह फर्जीवाड़ा उजागर हो गया।
भर्ती प्रक्रिया और फर्जीवाड़े का खुलासा
वर्ष 2024 में हुई ग्रामीण डाक सेवक (जीडीएस) की भर्ती में लालकुआं की युवती का चयन ब्रांच पोस्टमास्टर के पद पर हुआ था। उसे नवंबर 2024 में ड्यूटी ज्वाइन करनी थी। लेकिन दस्तावेजों की जांच के दौरान उसकी हाईस्कूल की मार्कशीट डीजी लॉकर पर सत्यापित नहीं हो पाई। युवती ने बिहार ओपन बोर्ड की मार्कशीट प्रस्तुत की थी, जिसे सत्यापन के लिए संबंधित बोर्ड को भेजा गया।
जांच रिपोर्ट में फर्जी प्रमाणपत्र की पुष्टि
बोर्ड से मिली जांच रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि युवती की हाईस्कूल की मार्कशीट फर्जी थी। इसके बाद डाक विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए युवती की नियुक्ति पर रोक लगाई और उसे अयोग्य घोषित कर दिया।
विभाग की सख्त कार्रवाई
डाक विभाग के सहायक अधीक्षक प्रकाश पांडे ने बताया कि युवती के दस्तावेजों की प्रारंभिक जांच में ही गड़बड़ी की आशंका जताई गई थी। बोर्ड से रिपोर्ट मिलने के बाद यह साफ हो गया कि मार्कशीट फर्जी थी। विभाग ने युवती के खिलाफ हल्द्वानी कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई है।
फर्जीवाड़ा रोकने के लिए सख्ती जरूरी
इस घटना ने सरकारी नौकरियों में दस्तावेजों की सत्यता की जांच की आवश्यकता को और अधिक मजबूत किया है। डाक विभाग ने इस मामले में तत्परता दिखाते हुए फर्जीवाड़े को समय रहते रोक दिया, लेकिन यह घटना अन्य विभागों के लिए भी सतर्कता का संदेश है।
इस मामले ने सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और कड़े दस्तावेज सत्यापन की आवश्यकता को एक बार फिर उजागर किया है।
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