उत्तराखंड में नगर निकाय चुनावों को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सभी पार्टियां बेहतर उम्मीदवारों की तलाश में जुट गई हैं, वहीं नेता भी अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए पार्टियां बदलने से पीछे नहीं हट रहे। इसी कड़ी में हल्द्वानी के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और जाने-माने व्यापारी नवीन वर्मा ने बुधवार, 18 दिसंबर को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम लिया।
गौरतलब है कि हल्द्वानी नगर निगम में मेयर की सीट इस बार ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित की गई है। नवीन वर्मा भी ओबीसी समुदाय से आते हैं, जिसके चलते यह अटकलें तेज हो गई हैं कि बीजेपी उन्हें हल्द्वानी से मेयर पद का टिकट दे सकती है।
नवीन वर्मा को दिवंगत कांग्रेस नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री इंदिरा हृदयेश का करीबी माना जाता था। बीजेपी में उनका शामिल होना कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है। हल्द्वानी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान जिला अध्यक्ष प्रताप सिंह बिष्ट, लालकुआं विधायक मोहन सिंह बिष्ट, और मंडी परिषद अध्यक्ष अनिल कपूर डब्बू की मौजूदगी में नवीन वर्मा ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की।
बीजेपी में शामिल होने के बाद नवीन वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में हो रहे विकास कार्यों से प्रेरित होकर उन्होंने यह निर्णय लिया है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि नवीन वर्मा के बीजेपी में शामिल होने से पार्टी को आगामी नगर निकाय चुनावों में बड़ा फायदा हो सकता है। व्यापारी वर्ग और आम जनता के बीच उनकी मजबूत पकड़ के चलते वे बीजेपी के लिए एक अहम चेहरा बन सकते हैं।
नगर निकाय चुनावों के मद्देनजर, बीजेपी की यह रणनीति पार्टी के लिए कितनी कारगर साबित होगी, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन इतना तय है कि नवीन वर्मा की एंट्री से हल्द्वानी की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।