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हल्दूचौड़ क्षेत्र के देवरामपुर गांव में सस्ते गल्ले की दुकान के आवंटन को लेकर हुई बैठक में दो पक्षों के बीच कहासुनी बढ़ते-बढ़ते हिंसक टकराव में बदल गई। विवाद के दौरान मारपीट और गाली-गलौज के बाद एक पक्ष ने दूसरे पर हथियारों से ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी, जिससे मौके पर भगदड़ मच गई। राहत की बात यह रही कि गोली किसी को नहीं लगी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पीछा करते हुए छह आरोपियों को हिरासत में लिया और उनकी गाड़ियों को भी जब्त कर लिया है।

गल्ले की दुकान को लेकर बैठक में बढ़ा विवाद

ग्राम दौलिया नंबर एक के निवासी और पूर्व सैनिक कैलाश चंद्र बिरखानी ने बताया कि मंगलवार को देवरामपुर के प्राथमिक विद्यालय में सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान के आवंटन के लिए बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक की अध्यक्षता पूर्ति निरीक्षक मोहित कठायत कर रहे थे। बैठक का मुख्य मुद्दा एक दुकान को दो हिस्सों में बांटने का था, लेकिन इस पर राजू पांडे और मोहित जोशी ने आपत्ति जताते हुए पूर्ति निरीक्षक से बहस शुरू कर दी। जब कैलाश चंद्र ने मामले को शांत करने की कोशिश की, तो दोनों उनसे उलझ गए और गाली-गलौज के साथ मारपीट पर उतर आए। इसके बाद स्थिति बिगड़ती देख पूर्ति निरीक्षक बैठक को बीच में ही समाप्त कर चले गए।

तीन कारों में पहुंचकर की मारपीट और फायरिंग

कैलाश चंद्र ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि जब वे बैठक के बाद अपने गांव में अपनी दुकान के सामने खड़े थे, तभी राजू पांडे, मोहित जोशी, कार्तिक रजवार, सतीश सनवाल, विजय जोशी और उनके साथ दो अन्य युवक तीन गाड़ियों में सवार होकर वहां पहुंचे। उन्होंने कैलाश चंद्र के साथ मारपीट शुरू कर दी और पथराव भी किया। विवाद के बीच ही आरोपियों ने हथियार निकालकर चार राउंड फायर किए। गनीमत रही कि कैलाश चंद्र किसी तरह सुरक्षित बच निकले।

पुलिस ने छह आरोपियों को लिया हिरासत में

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और फायरिंग करने वाले युवकों का पीछा कर छह लोगों को हिरासत में लिया। पुलिस ने उनकी गाड़ियां भी जब्त कर लीं। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीओ नितिन लोहनी ने बताया कि कैलाश चंद्र की तहरीर के आधार पर आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

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