देहरादून: केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 551 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की है। राज्यसभा सदस्य और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के प्रश्न के जवाब में केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री रामनाथ ठाकुर ने यह जानकारी दी। यह राशि राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन के तहत प्रदान की गई है, जिसका उद्देश्य परंपरागत खेती को प्रोत्साहित करना और किसानों को जैविक खेती की ओर आकर्षित करना है।
3 लाख किसानों को मिलेगा लाभ
परियोजना के तहत उत्तराखंड में अब तक 1.41 लाख हेक्टेयर क्षेत्र और तीन लाख किसानों को 7037 क्लस्टरों में शामिल किया गया है। इसमें किसानों को बीज, प्रशिक्षण और अन्य संसाधन मुहैया कराए जा रहे हैं, जिससे वे जैविक खेती के माध्यम से अपनी आजीविका को सशक्त बना सकें।
राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत भी बढ़ावा
महेंद्र भट्ट ने राज्यसभा में एक अन्य प्रश्न के माध्यम से उत्तराखंड में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के प्रयासों पर भी जानकारी मांगी। इसके जवाब में केंद्रीय आयुष राज्यमंत्री प्रतापराव जाधव ने बताया कि राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत 2014-15 से 2023-24 तक केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को 149 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की है। यह राशि आयुर्वेद और आयुष पद्धतियों के विकास और संवर्द्धन के लिए दी गई है।
परंपरागत कृषि और आयुर्वेद पर जोर
महेंद्र भट्ट के अनुसार, केंद्र सरकार का फोकस परंपरागत कृषि और आयुर्वेद को सशक्त बनाने पर है। राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन और राष्ट्रीय आयुष मिशन के जरिए उत्तराखंड में इन क्षेत्रों में लगातार काम किया जा रहा है। किसानों और आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को मजबूत करने के लिए यह योजनाएं राज्य को नए आयाम दे रही हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने महाराष्ट्र दौरे पर दी बधाई
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महाराष्ट्र में महायुति सरकार के गठन पर भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस और उनकी टीम को बधाई दी। मुख्यमंत्री धामी गुरुवार को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए मुंबई रवाना हुए। उन्होंने आशा जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महाराष्ट्र विकास के नए आयाम छुएगा।
हिमालयी क्षेत्रों में मौसम परिवर्तन की चिंता
इस बीच, राज्य में मौसम परिवर्तन और हिमालय की चोटियों पर घटती बर्फ को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, 12 हजार फीट की ऊंचाई पर पहले जैसी ठंड नहीं महसूस हो रही है, जिससे पर्यावरणीय असंतुलन के संकेत मिल रहे हैं।
उत्तराखंड सरकार इन सभी क्षेत्रों में संतुलित विकास और पर्यावरण संरक्षण के साथ आर्थिक मजबूती लाने के लिए प्रयासरत है।
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