उत्तराखंड में 2000 से अधिक छोटे और बड़े पुल हैं, जिनमें से कई देश की आजादी के समय से अस्तित्व में हैं। दशकों से इन पुलों पर लगातार यातायात का दबाव बना हुआ है, जिससे उनकी भार वहन क्षमता पर असर पड़ा है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने 300 से अधिक पुलों को उन्नत करने की महत्वाकांक्षी योजना बनाई है। इन पुलों को B श्रेणी से A श्रेणी में लाया जाएगा, जिससे न केवल उनकी चौड़ाई बढ़ेगी बल्कि उन्हें अधिक मजबूत और टिकाऊ भी बनाया जाएगा।
एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) के सहयोग से होगा कार्य
इस महत्वपूर्ण परियोजना को एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) के सहयोग से पूरा किया जाएगा। केंद्र सरकार ने इस कार्य के लिए स्वीकृति दे दी है, और प्रदेश सरकार तथा ADB के बीच 1610 करोड़ रुपये के करार पर जल्द ही हस्ताक्षर किए जाएंगे। यह धनराशि पुलों की भार क्षमता बढ़ाने और अन्य संरचनात्मक सुधारों में उपयोग की जाएगी।
प्रदेश में पुलों के उच्चीकरण की विस्तृत योजना
लोक निर्माण विभाग (PWD) ने एक व्यापक सर्वेक्षण के बाद लगभग 300 से अधिक पुलों को B से A श्रेणी में लाने के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार की है। राज्य में हो रहे सड़क चौड़ीकरण कार्यों को देखते हुए यह परियोजना और भी महत्वपूर्ण हो जाती है, ताकि भारी वाहनों, विशेष रूप से सेना के ट्रकों और निर्माण कार्यों में प्रयुक्त बड़ी मशीनों का आवागमन सुगम हो सके।
पहले चरण में 43 पुलों का उच्चीकरण
परियोजना के पहले चरण में 43 पुलों को उन्नत किया जाएगा। इन पुलों का चयन विभिन्न जिलों से किया गया है:
- पौड़ी: 15 पुल
- अल्मोड़ा: 8 पुल
- बागेश्वर: 10 पुल
- पिथौरागढ़: 9 पुल
- चमोली: 4 पुल
- देहरादून: 1 पुल
सरकार का लक्ष्य है कि पुलों की भार वहन क्षमता में वृद्धि करके भविष्य की जरूरतों के अनुरूप मजबूत संरचनाएं तैयार की जाएं।
राज्य सरकार स्वयं भी करेगी निवेश
लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडेय के अनुसार, एडीबी के 1610 करोड़ रुपये की सहायता से अधिक से अधिक पुलों का उन्नयन किया जाएगा। जो पुल इस योजना में शामिल नहीं हो पाएंगे, उनके लिए राज्य सरकार अपने संसाधनों से उन्नतिकरण का कार्य करेगी।
सड़कों और पुलों के आधुनिकीकरण से सीमांत इलाकों को होगा लाभ
उत्तराखंड सीमांत प्रदेश होने के कारण यहां सड़कों और पुलों की मजबूती अत्यंत आवश्यक है। सेना की आवाजाही और आपातकालीन स्थितियों में सुचारू यातायात बनाए रखने के लिए पुलों का उच्चीकरण किया जा रहा है। यह योजना उत्तराखंड के इन्फ्रास्ट्रक्चर को एक नई मजबूती देगी, जिससे आम नागरिकों के साथ-साथ रक्षा व आपदा प्रबंधन कार्यों को भी लाभ मिलेगा।