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देहरादून: ब्रिटेन में शिक्षा प्राप्त करने का सपना देखने वाले उत्तराखंड के विद्यार्थियों के लिए खुशखबरी है। राज्य सरकार ने घोषणा की है कि राज्य के अधीन विश्वविद्यालयों और सरकारी महाविद्यालयों में पढ़ने वाले प्रतिभाशाली छात्रों को ब्रिटेन के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में पढ़ाई का अवसर मिलेगा। इस योजना के तहत, चयनित छात्रों को लगभग 68 लाख रुपये तक की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी।

यह पहल मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शेवेनिंग छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत लाई गई है, जिसमें उत्तराखंड सरकार और यूके के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (FCDO) के बीच 14 अगस्त 2024 को समझौता (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए थे। 23 अक्टूबर को राज्य कैबिनेट की बैठक में इस समझौते को मंजूरी दे दी गई है।

शेवेनिंग योजना के तहत मिलेगा विदेशी शिक्षा का सुनहरा मौका

शेवेनिंग छात्रवृत्ति ब्रिटेन सरकार की एक वैश्विक स्कॉलरशिप योजना है, जो दुनिया भर के छात्रों को यूके के शीर्ष विश्वविद्यालयों में पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करती है। इस नई पहल में उत्तराखंड सरकार ने अगले तीन शैक्षणिक सत्रों (2025-26, 2026-27, 2027-28) के लिए योजना का क्रियान्वयन किया है, जिसके तहत हर साल पांच मेधावी छात्रों को मनपसंद कोर्स में एक वर्षीय पोस्ट-ग्रेजुएशन करने का अवसर मिलेगा।

इस योजना के अंतर्गत, एक छात्र पर आने वाला 68 लाख रुपये का खर्च उत्तराखंड सरकार और FCDO द्वारा मिलकर वहन किया जाएगा। उत्तराखंड सरकार 22 लाख रुपये, जबकि FCDO 46 लाख रुपये की राशि का योगदान करेगा।

केवल मेधावी छात्र-छात्राओं को मिलेगा लाभ

राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस योजना का लाभ उन्हीं छात्रों को मिलेगा, जो राज्य के विश्वविद्यालय परिसरों और सरकारी महाविद्यालयों में पढ़ रहे हैं और जिनकी शैक्षणिक उपलब्धियां उत्कृष्ट हैं। चयन की प्रक्रिया मेरिट के आधार पर की जाएगी, ताकि सबसे योग्य छात्रों को इस अनूठे अवसर का लाभ मिल सके।

मुख्यमंत्री के सचिव शैलेश बगौली ने बताया कि यह योजना राज्य के छात्रों को वैश्विक स्तर पर शिक्षा के नए आयाम छूने का अवसर देगी। इसके अंतर्गत चयनित छात्रों को ब्रिटेन के शीर्ष विश्वविद्यालयों में पढ़ाई का मौका मिलेगा, और उनकी पूरी पढ़ाई का खर्च राज्य सरकार और FCDO द्वारा साझा रूप से वहन किया जाएगा।

इस अनूठी योजना से न केवल छात्रों के सपनों को पंख मिलेंगे, बल्कि उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था को भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहन मिलेगा।

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