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गढ़वाल जोन के अपर आयुक्त पीएस डुंगरियाल और संयुक्त आयुक्त अजय कुमार सिंह के नेतृत्व में राज्य कर विभाग की विशेष अन्वेषण इकाई ने देहरादून, ऋषिकेश और हरिद्वार की आयरन स्क्रैप फर्मों पर छापा मारकर 12 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) फर्जीवाड़े का खुलासा किया। जांच में सामने आया कि स्क्रैप कारोबारी बिना वास्तविक खरीदारी के फर्जी बिलों के माध्यम से आईटीसी का लाभ उठा रहे थे।

राज्य आयुक्त कर अहमद इकबाल के निर्देशानुसार, जीएसटी चोरी रोकने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत बुधवार को विशेष अन्वेषण इकाई की पांच टीमों ने देहरादून में दो, ऋषिकेश में एक और हरिद्वार में दो आयरन स्क्रैप फर्मों पर कार्रवाई की। टीमों ने इन फर्मों के जीएसटी रिटर्न और अन्य संबंधित दस्तावेजों की गहन जांच-पड़ताल की।

कारोबारी ने फर्जीवाड़ा कबूला, 60.50 लाख रुपये जमा किए

उपायुक्त प्रवर्तन अजय बिरथरे ने बताया कि जांच के दौरान स्क्रैप कारोबारियों ने फर्जीवाड़े की बात स्वीकार की और तुरंत 60.50 लाख रुपये जमा किए। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि शेष एक करोड़ रुपये की वसूली जल्द की जाएगी। विभाग ने फर्मों के महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त कर जांच के लिए कब्जे में ले लिए हैं।

जीएसटी चोरी रोकने के लिए सख्ती जारी

अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि जीएसटी नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। इस विशेष छापेमारी अभियान में उप आयुक्त धर्मेंद्र राज चौहान, पीपी शुक्ला, सुरेश कुमार, सहायक आयुक्त टीकाराम चन्याल, अवनीश पांडेय और अन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

राज्य कर विभाग की यह कार्रवाई यह सुनिश्चित करती है कि फर्जीवाड़ा करने वाले कारोबारियों पर शिकंजा कसा जाए और ईमानदार करदाताओं के हितों की रक्षा हो।

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