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उत्तराखंड के देहरादून जिले के विकासनगर तहसील में हुई एक लूट घटना ने उस क्षेत्र में सक्रियता मचा दी है। इस घटना में 20 मार्च 2024 को वादी कुटीराम पुत्र प्रेम सिंह द्वारा एसबीआई बैंक से निकाले गए 10000 रुपये को दो लड़कों द्वारा लूट लिया गया था।

इस घटना के पश्चात्, पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। साबिर पुत्र इरफान और आरिफ पुत्र माजिम को माननीय न्यायालय के सामने पेश किया गया। पुलिस के अनुसार, यह दोनों अभियुक्त मजदूरी करते थे और नशे के आदी थे। उन्हें मजदूरी के काम से गुजारा करने में कठिनाई हो रही थी और नशे की पूर्ति के लिए उन्होंने इस घटना को किया।

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उनके द्वारा लूटे गए माल में 10000 रुपये और एक मोटरसाइकिल की जानकारी है। इसके अलावा, पुलिस ने घटना स्थल के आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज का भी जांच किया। अब यह सवाल है कि क्या यह लूट घटना केवल इस घटना के अभियुक्तों की जिम्मेदारी है या इसमें समाज की भूमिका भी है।

दोनो अभियुक्तगण की पहचान साबिर पुत्र इरफान सहसपुर का रहने वाला है , जिसकी उम्र 22 वर्ष है वही दूसरा अभियुक्त आरिफ पुत्र माजिम है जिसकी उम्र 24 वर्ष है।

ऐसा माना जा सकता है कि अगर समाज में न्यायपालिका, संविधान, और सरकार द्वारा निर्धारित योजनाओं को सही तरीके से प्रभावी बनाया जाए तो यह तरह की घटनाएं कम हो सकती हैं।

इस घटना के प्रकार को ध्यान में रखते हुए, समाज को इस प्रकार के अपराधों के खिलाफ सजग रहने की आवश्यकता है। न केवल पुलिस बलकि समाज के हर व्यक्ति को इस तरह की घटनाओं को रोकने और अपराधियों को सजग करने में अपना योगदान देना चाहिए।

इसके साथ ही, समाज को ऐसे व्यक्तियों को सहारा देना चाहिए जो ऐसे परिस्थितियों में हैं जहां वे मजदूरी करने के लिए मजबूर हैं और उन्हें नशे के आदी बना दिया गया है। समाज को ऐसे लोगों को फिर से समाज में समाहित करने और उन्हें सकारात्मक दिशा में ले जाने के लिए उन्हें सहायता प्रदान करनी चाहिए।

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