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उत्तराखंड में शराब की ओवर रेटिंग के मामले में शिकायतें मिलने के बाद देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल ने बुधवार शाम को एक अनूठी कार्रवाई की। वे खुद आम ग्राहक बनकर ओल्ड राजपुर रोड स्थित एक शराब के ठेके पर पहुंचे। जिलाधिकारी ने जब व्हिस्की की एक बोतल मांगी, जिस पर 660 रुपये का एमआरपी अंकित था, तो सेल्समैन ने 680 रुपये मांगे। जब जिलाधिकारी ने एमआरपी की सही कीमत बताई, तो सेल्समैन उनसे ही बहस पर उतर आया। जैसे ही उसे पता चला कि वह जिलाधिकारी से झगड़ रहा है, तो उसके होश उड़ गए।

खुद जिलाधिकारी पहुंचे जाँच के लिए

शराब के ठेकों पर ओवर रेटिंग की लगातार मिल रही शिकायतों के आधार पर जिलाधिकारी सविन बंसल ने खुद ग्राहक बनकर जाँच करने का फैसला लिया। उन्होंने ठेके के स्टॉक रजिस्टर और अन्य दस्तावेजों की भी जांच की। इस दौरान ठेके पर ओवर रेटिंग की पुष्टि हुई, जिसके बाद जिलाधिकारी ने शराब ठेका संचालक पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। साथ ही, पूरी घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग भी करवाई गई।

कई ठेकों पर हो रही है ओवर रेटिंग

जिलाधिकारी बंसल के अनुसार, शहर में कई शराब ठेकों पर ओवर रेटिंग की शिकायतें निरंतर मिल रही थीं। कुछ जगहों पर एमआरपी के हिसाब से शराब बेचने पर सेल्समैन ग्राहकों से दुर्व्यवहार और मारपीट तक कर रहे थे। इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने खुद जांच का निर्णय लिया और साथ ही, अपर जिलाधिकारी जय भारत सिंह और अन्य अधिकारियों को भी ठेकों की जांच के निर्देश दिए।

10 से 60 रुपये तक की अतिरिक्त वसूली

जांच में पाया गया कि शराब के ठेकों पर प्रति बोतल 10 रुपये से लेकर 60 रुपये तक अधिक वसूले जा रहे थे। ग्राहकों से पूछताछ में भी यह बात सामने आई कि ठेकों के सेल्समैन का व्यवहार बेहद अपमानजनक होता है, और वे ओवर रेटिंग की शिकायत करने पर मारपीट पर उतारू हो जाते हैं।

ओवर रेटिंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई

जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि ओवर रेटिंग पर पहली बार 50 हजार रुपये, दूसरी बार 75 हजार रुपये, और तीसरी या अधिक बार एक लाख रुपये का चालान किया जाएगा। इस कार्रवाई के बाद से प्रशासन की टीम लगातार अन्य शराब ठेकों की भी जांच कर रही है, ताकि ग्राहकों के साथ हो रहे इस अन्याय को रोका जा सके।

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