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रोजनामचा गुनाहे किताब जैसे प्रचलन से बाहर हो चुके उर्दू के कठिन शब्द को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी ) और दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) से हटा दिया जाएगा। पुलिस परीक्षण के लिए 160 साल पुराने शब्दावली के जगह हिंदी के आसान और बोलचाल के शब्दों का प्रयोग किया जाएगा।

इसके लिए पुलिस विभाग में नई किताबें छपवाने का कार्य भी शुरू कर दिया है। भारत में अंग्रेजी हुकूमत ने पुलिस का गठन वर्ष 1860 में किया था। तभी से अपराधियों के सजा का प्रावधान आईपीसी में है, जबकि पुलिस के अधिकारों के लिए सीआरपीसी पुस्तक काम में आती है। इन पुस्तकों में उस वक्त पढ़ी और लिखी जाने वाली उर्दू का इस्तेमाल किया गया है।

कालांतर में कुछ नए वर्जन आए जिन्हें हिंदी में लिखा गया मगर अब यह शब्द आम बोलचाल से भी बाहर हो गए हैं। सामान्य पढ़ाई करने के बाद जब पुलिस कर्मी भर्ती होते हैं, तो उन्हें ऐसे शब्दों से दो चार होना पड़ता है, जो उन्होंने कभी पढ़े ही नहीं।

नई किताब से इस साल भर्ती हुए पुलिसकर्मी पढ़ेंगे

अब पीड़ितों की शिकायत भी हिंदी में लिखी जाती है। निचली अदालतों में भी कार्यवाही ज्यादातर हिंदी में ही की जाती है। पुलिस की इस भाषा को ज्यादातर अधिवक्ता भी नहीं समझ पाते हैं। ऐसे में पुलिस की पढ़ाई और ट्रेनिंग के लिए प्रदेश में पहली बार यह बदलाव किया जा रहा है। उर्दू के कठिन शब्दों के जगह पर आसान शब्दों को लिखा जा रहा है। नई किताब से इस साल भर्ती हुए पुलिसकर्मी पढ़ेंगे। यह किताबें पुलिस ट्रेनिंग स्कूल के साथ-साथ हर पुलिस लाइन में भी उपलब्ध करा दी जाएंगी।

हाजिरी कम हुई तो दिखाया जाएगा बाहर का रास्ता

पुलिस ट्रेनिंग स्कूल और अन्य ट्रेनिंग सेंटरों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। बायोमेट्रिक हाजिरी लगेगी। जो बाहर जाना चाहता है उनके लिए गेट पास की व्यवस्था भी की जाएगी। जो अधिक समय तक बाहर रहता है और हाजिरी भी कम है तो उसे बाहर का रास्ता ही दिखाया जाएगा।

तकनीकी शिक्षा को भी किया जाएगा शामिल

पुलिस के सामने इस वक्त साइबरक्राइम जैसी सबसे बड़ी चुनौती है ऐसे में पुलिस ट्रेनिंग स्कूल और पुलिस लाइनों में पुलिस कर्मियों को नई तकनीक से भी रूबरू कराया जाएगा साइबर क्राइम के पाठ्यक्रम भी उन्हें पढ़ाई जाएंगे।

पुलिस कार्रवाई में इस्तेमाल होने वाले शब्द

गुनाह है किताब – इसका उपयोग अपराध के लिए होता है
पतारसी – अपराध को ज्ञात करने का प्रयास – जारी
रोजनामचा आम- इस रजिस्टर में थाने की हर गतिविधि लिखी होती है
हिकमत अमली – केस की बारीकी से छानबीन करना
देहाती- नालसी मौके पर तैयार होने वाली- पहली रिपोर्ट
खात्मा – फाइनल रिपोर्ट
खारिजी- झूठी रिपोर्ट को खारिजी कहते हैं
कुछ शब्द और उनके हिंदी अर्थ
इस्तगासा – परिवाद
जिरह- प्रतिपरीक्षण
इजरा – क्रियानव्या
तलवी – सूचना प्रेषित
दरख्वास्त – आवेदन

पुलिस परीक्षण में पहली बार यह बदलाव किया जाने वाला है नई किताबों की छपाई भी शुरू कर दी गई है इन किताबों को इस साल से ही पुलिस ट्रेनिंग की पढ़ाई में शुरू कर दिया जाएगा।

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