श्रीनगर: गढ़वाल क्षेत्र के प्रमुख चिकित्सा केंद्र, बेस अस्पताल श्रीकोट, जो राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर से संबद्ध है, में पिछले तीन महीनों से डायलिसिस सुविधा बंद पड़ी हुई है। इस समस्या ने मरीजों और उनके परिजनों को बड़ी मुश्किलों में डाल दिया है। स्थानीय जनता के साथ-साथ राजनीतिक गलियारों में भी इस मुद्दे को लेकर आक्रोश है।
कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल ने इस मामले को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अस्पताल के मुख्य गेट पर धरना दिया। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत पर तीखा हमला करते हुए उनकी बर्खास्तगी की मांग तक कर डाली। गोदियाल का कहना है कि मंत्री अपनी ही विधानसभा क्षेत्र में स्थित अस्पताल की डायलिसिस यूनिट को चालू नहीं करा पा रहे हैं, जिससे मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
कांग्रेस नेता ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप
धरने के दौरान गणेश गोदियाल ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में मशीनों की खरीद-फरोख्त के नाम पर बड़े पैमाने पर कमीशनखोरी हो रही है। उन्होंने इस मामले में गहन जांच की मांग की। उनका आरोप है कि डायलिसिस यूनिट शुरू करने की मांग करने वाले कार्यकर्ताओं पर उल्टा मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं, जबकि लापरवाही बरतने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। उन्होंने मांग की कि मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को पद से हटाया जाना चाहिए और दोषियों पर सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।
बीजेपी ने किया पलटवार, बताया धरना आधारहीन
कांग्रेस के धरने पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी मंडल अध्यक्ष जितेंद्र धीरवान ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में बेस अस्पताल में बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं थीं। मरीजों को एक्सरे जैसे साधारण परीक्षण के लिए प्राइवेट नर्सिंग होम का सहारा लेना पड़ता था। अब अस्पताल में एमआरआई और सीटी स्कैन जैसी अत्याधुनिक मशीनें उपलब्ध हैं, जो कांग्रेस को बर्दाश्त नहीं हो रहा है।
धीरवान ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने दो नई डायलिसिस मशीनें मंगवाई हैं और पुरानी डायलिसिस यूनिट को पूरी तरह बदलने का निर्णय लिया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि मरीजों को जल्द ही यह सुविधा फिर से उपलब्ध होगी और किसी भी हाल में जनता को परेशान नहीं होने दिया जाएगा।
गढ़वाल क्षेत्र के लिए अहम है बेस अस्पताल
बेस अस्पताल श्रीकोट गढ़वाल का सबसे बड़ा चिकित्सा केंद्र है, जहां पौड़ी, चमोली, रुद्रप्रयाग और टिहरी जैसे जिलों से मरीज उपचार के लिए आते हैं। ऐसे में डायलिसिस जैसी महत्वपूर्ण सुविधा का ठप होना बड़ी चिंता का विषय है। कांग्रेस और बीजेपी के आरोप-प्रत्यारोप के बीच जनता को अब उम्मीद है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान होगा और स्वास्थ्य सेवाएं पुनः सुचारू होंगी।