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देहरादून: साइबर धोखाधड़ी के एक बड़े मामले में देहरादून पुलिस ने दिल्ली से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि चार अन्य आरोपियों को नोटिस जारी किए गए हैं। इस मामले में एक स्थानीय निवासी से नौकरी के नाम पर करीब 23 लाख रुपये की ठगी की गई थी। जांच में यह भी सामने आया कि विदेशों में बैठे साइबर ठगों की मदद से बिनेंस ऐप के माध्यम से USDT क्रिप्टोकरेंसी के जरिए पैसे का लेन-देन हुआ था।

नौकरी के नाम पर ठगी का शिकार हुआ व्यक्ति
पीड़ित ने जून 2024 में देहरादून साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि उसने नौकरी के लिए ऑनलाइन naukri.com पर सर्च किया था, जिसके बाद अज्ञात साइबर ठगों ने व्हाट्सएप पर संपर्क किया और बताया कि उनका रिज्यूमे naukri.com से मिला है। इसके बाद पीड़ित से रजिस्ट्रेशन चार्ज के रूप में 14,800 रुपये की मांग की गई, जिसे उसने भुगतान कर दिया। इसके बाद पीड़ित से इंटरव्यू के नाम पर लाखों रुपये की ठगी की गई।

साइबर ठगों द्वारा मिलती-जुलती ईमेल आईडी का इस्तेमाल
साइबर ठगों ने पीड़ित से मिलती-जुलती ईमेल आईडी जैसे [email protected], [email protected], [email protected] और [email protected] से संपर्क किया। इसके बाद नौकरी की विभिन्न प्रक्रिया के नाम पर कई बार पीड़ित से पैसे ऐंठे गए। कुल मिलाकर पीड़ित से 22 लाख 96 हजार रुपये की ठगी की गई।

पुलिस ने की गिरफ्तारी और अन्य आरोपियों को नोटिस
पहले भी 24 अगस्त 2024 को पुलिस ने इस मामले के मास्टरमाइंड और मुख्य आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। अब पुलिस ने दो और आरोपियों, रवि ढींगरा और हरपाल सिंह को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। इनके पास से 17 मोबाइल फोन, 3 लैपटॉप और कई सिम कार्ड बरामद हुए हैं। इसके अलावा, शिखा वर्मा, सोनम ढींगरा, वर्षा पंवार और मीनू शर्मा को नोटिस तामील किए गए हैं।

साइबर ठगी का तरीका
साइबर अपराधियों ने नौकरी के इच्छुक लोगों को ऑनलाइन साइटों पर फर्जी ईमेल आईडी, व्हाट्सएप और टेलीग्राम के माध्यम से संपर्क किया और उन्हें विदेशों में नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी की। दस्तावेज़ वेरिफिकेशन, जॉब सिक्योरिटी और फास्ट ट्रैक वीजा जैसे झांसे देकर उन्होंने लोगों से पैसे वसूल किए।

एसएसपी का बयान
एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि आरोपियों के संबंध दुबई, चीन और पाकिस्तान से हैं। उनके मोबाइल फोन में व्हाट्सएप और टेलीग्राम के जरिए बैंक खातों की जानकारी, यूपीआई आईडी और क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजेक्शन के चैट्स पाए गए हैं।

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