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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नए साल के अवसर पर राज्य की महिलाओं के लिए एक बड़ा और महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है। सीएम धामी ने घोषणा की है कि वर्ष 2025 तक उत्तराखंड में 1.50 लाख महिलाओं को “लखपति दीदी” बनाया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना है।

सीएम धामी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा,
“महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में हमारी सरकार ने 2025 तक 1.50 लाख महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बनाने का लक्ष्य रखा है। यह कदम न केवल महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण में सहायक होगा, बल्कि समाज में समान अवसर और अधिकार सुनिश्चित करने की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होगा।”


क्या है लखपति दीदी योजना?

लखपति दीदी योजना का उद्देश्य महिलाओं की सामाजिक स्थिति को मजबूत करना और उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करना है। अगस्त 2023 में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना को विभिन्न राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर लागू कर रही हैं। योजना का लाभ केवल उन महिलाओं को मिलता है, जो स्वयं सहायता समूह (Self Help Group – SHG) की सदस्य हैं।

स्वयं सहायता समूह ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की महिलाओं को संगठित कर, उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करते हैं। ये समूह महिलाओं को स्वरोजगार और छोटे व्यवसाय शुरू करने में मदद करते हैं, जिससे वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें।


लखपति दीदी योजना के लिए पात्रता

इस योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं को निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना होगा:

  1. केवल महिलाएं आवेदन कर सकती हैं: योजना के लिए पुरुष पात्र नहीं हैं।
  2. स्थायी निवासी होना अनिवार्य: आवेदन करने वाली महिला को उसी राज्य की निवासी होना चाहिए।
  3. आयु सीमा: आवेदन करने वाली महिला की उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  4. स्वयं सहायता समूह की सदस्यता: महिला को किसी पंजीकृत स्वयं सहायता समूह (SHG) का हिस्सा होना अनिवार्य है।
  5. आर्थिक स्थिति: आवेदन करने वाली महिला के परिवार की वार्षिक आय 3 लाख रुपये से कम होनी चाहिए।
  6. सरकारी नौकरी में कोई सदस्य नहीं: परिवार में किसी भी सदस्य का सरकारी नौकरी में होना योजना के लिए पात्रता समाप्त कर देता है।

योजना का महत्व

लखपति दीदी योजना महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से सशक्त बनाती है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता और आत्मसम्मान की ओर भी प्रेरित करती है। मुख्यमंत्री धामी का यह प्रयास राज्य की महिलाओं को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने और उत्तराखंड को एक सशक्त समाज बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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