रविंद्र नेगी ने आप के अवध ओझा को 28 हजार मतों से हराया
दिल्ली विधानसभा चुनाव में पटपड़गंज सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार रविंद्र नेगी ने आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रत्याशी अवध ओझा को 28,000 वोटों के बड़े अंतर से हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की। रविंद्र नेगी, जो उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के सीमदाड़मी पट्टी जैती सालम गांव के मूल निवासी हैं, ने इस बार अपने विरोधियों को कड़ी टक्कर दी और जीत हासिल की।
2020 में दी थी कड़ी टक्कर, इस बार मिली प्रचंड जीत
2020 के विधानसभा चुनाव में पटपड़गंज सीट से तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को चुनौती देने वाले रविंद्र नेगी ने इस बार पूरी तरह से चुनावी रणनीति को मजबूत कर अपनी जीत सुनिश्चित की। वहीं, इस चुनाव में मनीष सिसोदिया ने पटपड़गंज छोड़कर जंगपुरा से चुनाव लड़ा, लेकिन वहां भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
मतगणना के दौरान शुरुआत से ही आगे रहे रविंद्र नेगी
शनिवार को हुई मतगणना में रविंद्र नेगी ने शुरू से ही बढ़त बनाए रखी और एक बार भी पीछे नहीं हटे। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, उन्हें कुल 74,060 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी अवध ओझा को 45,988 मतों से संतोष करना पड़ा। पटपड़गंज के नवनिर्वाचित विधायक रविंद्र नेगी वर्तमान में विनोद नगर क्षेत्र से पार्षद भी हैं और जनता के बीच उनकी मजबूत पकड़ देखी गई।
हल्द्वानी और अल्मोड़ा से गहरा नाता
रविंद्र नेगी का रिश्ता उत्तराखंड के अल्मोड़ा और हल्द्वानी से गहराई से जुड़ा हुआ है। हल्द्वानी के देवलचौड़ बंदोबस्ती में उनके बड़े भाई हरीश नेगी का कंस्ट्रक्शन व्यवसाय है, और वहां भी उनकी जीत को लेकर काफी चर्चा रही। विक्रम सिंह नेगी, जो मुखानी मंडल के उपाध्यक्ष हैं, ने बताया कि चुनाव प्रचार के दौरान ही साफ हो गया था कि रविंद्र नेगी भारी अंतर से जीत दर्ज करेंगे।
AAP के चर्चित उम्मीदवार अवध ओझा को झेलनी पड़ी हार
पटपड़गंज सीट से आम आदमी पार्टी ने इस बार चर्चित शिक्षक और सोशल मीडिया पर 22 लाख फॉलोअर्स वाले अवध ओझा को उतारा था। पार्टी को उम्मीद थी कि वह मतदाताओं को प्रभावित करेंगे, लेकिन चुनावी नतीजे विपरीत साबित हुए। पटपड़गंज के मतदाताओं ने भाजपा के रविंद्र नेगी पर भरोसा जताया और उन्हें बड़ी जीत दिलाई।
दिल्ली में ‘डबल इंजन’ सरकार का आगाज: सीएम धामी
दिल्ली में भाजपा की ऐतिहासिक जीत पर उत्तराखंड में भी जश्न का माहौल देखने को मिला। देहरादून स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में शनिवार को जीत का जश्न मनाया गया, जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी की जीत बताया। उन्होंने कहा कि 27 साल बाद दिल्ली में गैर-भाजपा सरकार की विदाई हुई है, और अब दिल्ली में ‘डबल इंजन’ की सरकार तेजी से विकास कार्यों को आगे बढ़ाएगी।
मुख्यमंत्री धामी ने भाजपा कार्यकर्ताओं को जलेबी खिलाकर बधाई दी और भरोसा दिलाया कि पार्टी अपने संकल्प पत्र में किए गए सभी वादों को पूरा करेगी।
भविष्य की राजनीति में क्या होगा असर?
पटपड़गंज सीट पर भाजपा की यह जीत दिल्ली की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। जहां आम आदमी पार्टी को अपने गढ़ में हार का सामना करना पड़ा, वहीं भाजपा के लिए यह संकेत है कि राजधानी में उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। अब देखने वाली बात यह होगी कि भाजपा इस जीत को आगामी चुनावों में कैसे भुनाती है और दिल्ली की राजनीति में अपनी पकड़ को और मजबूत करती है।